Karnataka: किसानों की जमीन पर क्यों पनपी असमंजस की स्थिति? मंत्री एमबी पाटिल ने बता दी असल वजह
कर्नाटक में विजयपुरा जिले के होनवाड़ा में 1200 एकड़ जमीन के वक्फ बोर्ड के दावे पर मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि गजट अधिसूचना में गलती के कारण उनकी जमीन खाली करने के लिए नोटिस जारी किए गए थे.
Waqf Board Land Row: कर्नाटक के विजयपुरा में किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है. बोर्ड ने किसानों को जमीन खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है. जिस पर मंत्री एमबी पाटिल ने रविवार (27 अक्टूबर ) को कहा कि किसानों की एक भी इंच जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है.
पाटिल ने कहा कि पुरानी गजट अधिसूचना में गलती के कारण वक्फ एक्ट के तहत विजयपुरा जिले के होनवाड़ा गांव के लोगों को उनकी पुश्तैनी जमीन खाली करने के लिए नोटिस जारी किए गए थे. कर्नाटक वक्फ बोर्ड गांव के किसानों की 1,200 एकड़ जमीन पर अधिकार का दावा नहीं कर सकता है.
वक्फ बोर्ड की केवल 10 एकड़ जमीन
विजयपुरा जिले के प्रभारी मंत्री पाटिल ने कहा ‘‘1974 में गजट अधिसूचना में इसे गलती से होनवाड़ा गांव लिख दिया गया था. वहां की जमीन मूल रूप से महल बाग सर्वेक्षण संख्या का हिस्सा है. 1977 में वक्फ बोर्ड ने अपने दस्तावेजों में सुधार किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि केवल 10 एकड़ श्मशान की जमीन ही उसकी है."
'किसानों की है 1,200 एकड़ जमीन'
मंत्री ने कहा कि वक्फ बोर्ड के दावा की जाने वाली 1,200 एकड़ जमीन किसानों की है. इसलिए, किसानों की एक भी इंच जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है.’’ पाटिल ने आगे कहा "वह इस मामले को सुलझाने के लिए जिला, राजस्व विभाग और वक्फ बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे."
'श्मशान की जमीन भी पंचायत की संपत्ति'
उन्होंने कहा कि 10 एकड़ श्मशान की जमीन से जुड़ा मामला भी कोर्ट में पेंडिंग है और लोगों को इसके नतीजे का इंतजार करना चाहिए. पाटिल ने दावा किया कि श्मशान भूमि भी पंचायत की संपत्ति है.
दरअसल, कर्नाटक में विजयपुरा ज़िले के होनवाड़ा में 1200 एकड़ ज़मीन के वक़्फ़ बोर्ड के दावे के बाद वहां के किसान असमंजस में हैं. यह मामला तब गरमा गया जब उन्हें नोटिस मिला कि उनकी सारी जमीन वक्फ बोर्ड की है.
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