कोलकाता: पश्चिम बंगाल की तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को झटका लगा है. यहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने तीनों सीट पर क्लीनस्वीप किया है. यहां चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी के एक उम्मीदवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर भ्रम के कारण पार्टी को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, बीजेपी ने दावा किया कि उपचुनाव के नतीजों का राज्य में उसकी राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. तृणमूल कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आए नतीजों में तीनों सीटों कालियागंज, खड़गपुर सदर और करीमपुर में जीत दर्ज की. इन सीटों पर सोमवार को मतदान हुआ था.


कालियागंज से बीजेपी उम्मीदवार कमल चन्द्र सरकार ने कहा, "हम 2019 के लोकसभा चुनाव में बढ़त बनाने के बावजूद हार गए. हम इसलिये हारे क्योंकि बंगाल में एनआरसी के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर भ्रम पैदा हो गया है. लोगों ने एनआरसी को लेकर इस धारणा को स्वीकार नहीं किया और हम भी इस मुद्दे पर जनता तक पहुंचने में असफल रहे. आत्ममंथन करना होगा." बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने उपचुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस पर आत्ममंथन किया जाएगा.


घोष ने कहा, "हमें परिणामों पर गौर करने की जरूरत है. लेकिन हमें नहीं लगता कि इससे बंगाल में बीजेपी की बढ़त पर कोई फर्क पडे़गा. असल में उपचुनाव में एक आम चलन है कि जिस पार्टी की सरकार होती है वही पार्टी इनमें जीत दर्ज करती है. यह पूछे जाने पर कि क्या प्रस्तावित एनआरसी को लेकर राज्य में गुस्सा और भ्रम है, जिसकी झलक उपचुनाव के नतीजों में देखने को मिली, घोष ने इसे मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, "एनआरसी मुद्दा क्यों होना चाहिये? 2019 में (संसदीय चुनाव में) भी एनआरसी मुद्दा था लेकिन हम जीते. इसलिये हमारी हार के लिये एनआरसी को दोष देना सही नहीं है. हो सकता है कि उम्मीदवारों के चयन को लेकर नाराजगी हो."


यह भी पढ़ें-


मंत्री पद के लिए कांग्रेस के दो नेताओं के नाम तय, बालासाहेब थोराट और नितिन राउत आज लेंगे शपथ


उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाएंगी सोनिया गांधी, कहा-तबीयत खराब होने की वजह से लिया निर्णय

डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा के बीच अजित पवार ने अभी-अभी दिया है ये बड़ा बयान