नई दिल्ली: कांग्रेस के अनुभवी नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एसएम कृष्णा ने आज बीजेपी में शामिल होने के बाद कहा कि वह ऐसी पार्टी में आकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जिसमें भारत को नयी उंचाइयों पर ले जाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे नेता हैं.
कांग्रेस के साथ पांच दशक गुजारने के बाद पार्टी छोड़ने वाले 84 वर्षीय नेता जनवरी से ही दरकिनार किए जाने से नाखुश थे. दक्षिण भारत में अपने पांव फैलाने का प्रयास कर रही बीजेपी के लिए कृष्णा का साथ आना बड़ी बात है. गौरतलब है कि अगले वर्ष कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं.
बीजेपी मुख्यालय पर पार्टी में शामिल होने के बाद कृष्णा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे बहुत प्रसन्नता है कि मैं ऐसी पार्टी में शामिल हो रहा हूं जिसका नेतृत्व महान नेताओं ने किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मैं भारत को तेजी से उभरते हुए देख रहा हूं, जिसमें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह सक्षम तरीके से सहयोग कर रहे हैं.’’ मोदी और शाह दोनों की तारीफ करते हुए कृष्णा ने कहा कि इन दोनों नेताओं ने ‘‘देश को नयी उंचाइयों पर पहुंचाया है और यह आक्रामकता नहीं है.’ उन्होंने कहा कि अटल बिहार वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के समय से ही बीजेपी नेताओं के साथ उनके संबंध सौहार्दपूर्ण रहे हैं.
कृष्णा का बीजेपी में स्वागत करते हुए, शाह ने कहा कि उनका हमारे साथ जुड़ना सभी ईमानदार नेताओं के लिए संदेश है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ मजूबत करने चाहिएं.
बीजेपी में शामिल होने के कृष्णा के फैसले को सही समय पर लिया गया निर्णय बताते हुए, शाह ने कहा, ‘‘मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में आया बदलाव देखने के बाद कृष्णा पार्टी में शामिल हो रहे हैं. उस वक्त से देश में पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ी है.’’
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनके पार्टी में आने से ना सिर्फ कर्नाटक में बल्कि पूरे देश में बीजेपी मजबूत होगी. वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले कृष्णा को समुदाय का प्रभावशाली नेता माना जाता है. गौरतलब है कि कर्नाटक के मतदाताओं में समुदाय की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है. 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के करीब 40 प्रतिशत सीटों पर समुदाय का प्रभाव है.
शाह ने कहा कि उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए पार्टी उन्हें पूरा सम्मान देगी.
कांग्रेस छोड़ते हुए पार्टी से नाराजगी का स्पष्ट संकेत देते हुए पूर्व विदेश मंत्री कृष्णा ने कहा, पार्टी इस बात को लेकर भ्रम में है कि उसे जन-नेताओं की जरूरत है या नहीं.
कृष्णा 1999 और 2004 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे. वह महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रहे. 2012 में विदेश मंत्री का पद छोड़ने के बाद वह राज्य की राजनीति में वापस लौट गये.