K Subrahmanyam: विपक्ष के कई नेताओं ने चीन और बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणियों को लेकर बुधवार को उन पर निशाना साधा. साथ ही उन्हें गुजरात दंगों पर उनके पिता के दिए गए बयान के बारे में याद दिलाया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री ने एक साक्षात्कार में अपनी एक टिप्पणी से देश की सेना का हौसला तोड़ा है.


कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया कि जयशंकर आजाद भारत के सबसे विफल विदेश मंत्री हैं. उन्होंने मीडिया से कहा, "विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक साक्षात्कार में चीन को लेकर जो बोला है वो चिंताजनक है. जयशंकर ने भले ही राहुल गांधी का अपमान करने का प्रयास किया, लेकिन असल में उन्होंने अपमान भारतीय सेना और भारत की भूभागीय अखंडता का किया है."


एस जयशंकर पर हमला


सुप्रिया ने दावा किया, "गलवान में हमारे 20 जवानों की शहादत हुई है, लेकिन हमारे देश के विदेश मंत्री कह रहे हैं कि हम छोटी अर्थव्यवस्था हैं इसलिए चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था पर हमला नहीं कर सकते." कुछ विपक्षी नेताओं ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर जयशंकर की टिप्पणी को लेकर उन पर हमला किया. खबरों के अनुसार, जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर डॉक्यूमेंट्री प्रसारित करने को लेकर निशाना साधा था.


जयशंकर को अब पता चला!


तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने कहा, "अजीब बात है कि जयशंकर को गांधी परिवार के खिलाफ अपनी नाराजगी के बारे में अब पता चला, जबकि उन्होंने उनकी सरकार में ही पूरी वफादारी से सेवा की और बेहतरीन पदों पर रहे. यह भूलने की बीमारी है या फिर विदेश मंत्री के रूप में मिली पदोन्नति के चलते बीजेपी के साथ उनका मेलमिलाप है?"


एस जयशंकर के पिता का पहले का बयान


उन्होंने एक और ट्वीट में कहा, "एस जयशंकर के पिता के. सुब्रमण्यम ने कहा था कि 'गुजरात (2002) में धर्म की हत्या की गई. जो निर्दोष नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहे वो अधर्म के दोषी हैं... राम होते तो गुजरात के 'असुर' शासकों के खिलाफ अपना बाण चलाते.' असुर की सेवा करने के लिए शर्म करिये."


पिता को लेकर घिरे जयशंकर


सुप्रिया श्रीनेत ने भी के. सुब्रमण्यम की टिप्पणियों को लेकर जयशंकर को निशाना साधा. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने दावा किया, "विदेश मंत्री शायद यह भूल गए कि उनके पुत्र ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्तपोषित 'ऐसपेन इंस्टीट्यूट' के लिए काम किया है."


एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि अगर चीन पर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो वह संसद में चर्चा से क्यों भाग रही है? उन्होंने कहा कि सरकार को सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए.


यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election: '2024 में बनाएंगे सरकार', विपक्षी एकता पर क्या कुछ बोले मल्लिकार्जुन खरगे?