Bharat Jodo Yatra: 'कांग्रेस जोड़ो लक्ष्य भी हासिल किए जा सकते हैं', भारत जोड़ो यात्रा पर शशि थरूर का बड़ा बयान
Congress News: कांग्रेस नेता कल से साढ़े तीन हजार किलोमीटर से लंबी पदयात्रा पर निकलेंगे. इससे पहले शशि थरूर ने एक साक्षात्कार में कई सवालों के जवाब दिए हैं.
Congress Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस (Congress) नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने मंगलवार को कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) देश भर में कांग्रेस से जुड़े पुरुषों और महिलाओं को पार्टी के मूल्यों और आदर्शों के इर्द गिर्द एकजुट कर सकती है. थरूर ने ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के एक दिन पहले एक साक्षात्कार (Shashi Tharoor Interview) में कहा कि इस यात्रा से ‘भारत जोड़ो’ और 'कांग्रेस जोड़ो' (Congress Jodo) दोनों ही लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सात सितंबर यानी कल से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने जा रहे हैं. यह यात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी और लगभग 150 दिनों की इस पदयात्रा में 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी.
थरूर ने कहा कि इस यात्रा का मकसद यह संदेश देना भी है कि कांग्रेस ही वह पार्टी है जो भारत को जोड़कर रख सकती है और अगर जनता तक यह संदेश भली भांति पहुंच गया तो इससे पार्टी में फिर से जान आ जाएगी. थरूर के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि कई नेता कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे जिससे निर्वाचकों को व्यापक विकल्प मिलेंगे. हालांकि, थरूर ने खुद चुनाव लड़ने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी.
गुलाम नबी आजाद के बयान का थरूर ने दिया यह जवाब
कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य आलोचकों के बयानों- कि पार्टी को ‘भारत जोड़ो’ के बजाए ‘कांग्रेस जोड़ो’ पर ध्यान देना चाहिए, के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा, ‘‘गुलाम नबी साहब सम्मानित और वरिष्ठ नेता हैं और मैं उनकी बातों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता.’’ तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने कहा, ‘‘लेकिन मैं यह कहूंगा कि जनता से जुड़े मुद्दे उठाकर और यह दिखाकर कि हम उसके लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, भारत जोड़ो यात्रा देशभर में कांग्रेस से जुड़े पुरुषों और महिलाओं को हमारे मूल्यों और आदर्शों के इर्द गिर्द एकजुट कर सकती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘तब यह ‘भारत जोड़ो’ और ‘कांग्रेस जोड़ो’ दोनों हो सकती है.’’
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा, ‘‘मैंने केवल इस तथ्य का स्वागत किया है कि चुनाव होंगे. मेरा मानना है कि यह पार्टी के लिए काफी अच्छा है.’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि किस राजनीतिक दल में उसके शीर्ष पद के लिए चुनाव हुए हैं, जिनमें कम से कम 10,000 मतदाताओं का बड़ा निर्वाचक मंडल हो? उन्होंने कहा, ‘‘यकीनन यह बात संतोष देती है कि लोकतांत्रिक सिद्धांत के इस साधारण बयान से देशभर में बड़ी संख्या में लोगों ने मेरे चुनाव लड़ने की संभावना का स्वागत किया लेकिन जैसा कि मैंने स्पष्ट कर दिया है, मैंने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है.’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव की अधिसूचना 22 सितंबर को जारी होगी, जिसका मतलब है कि सहयोगियों के पास अभी यह निर्णय लेने के लिए तीन सप्ताह का वक्त और है कि वे चुनाव में खड़े होना चाहते हैं या नहीं.
शशि थरूर ने आगे यह कहा
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया, ''उम्मीद है कि सदस्यता के व्यापक विकल्प देने के लिए कई लोग चुनाव लड़ेंगे. अभी तक मैंने न तो खुद को चुनाव लड़ने के पक्ष में रखा है और न ही इससे बाहर.'' यात्रा के बारे में और विचारधाराओं की लड़ाई में इसके कोई निर्णायक चरण तक पहुंचने के संबंध में बात करते हुए थरूर ने कहा, ‘‘कई तरह से यह अस्तित्व का संघर्ष है जो हम लड़ रहे हैं, संविधान में दर्ज भारत की अवधारणा की रक्षा के लिए, हम जब तक रहेंगे, कई और निर्णायक चरण आएंगे.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लेकिन जो भी हो, हमें बहुसंख्यवाद के समक्ष घुटने नहीं टेकने चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ इस प्रयास में अहम योगदान है.
यह पूछे जाने पर कि क्या यात्रा आम आदमी को आकर्षित कर सकेगी, थरूर ने कहा कि इस प्रकार का देशव्यापी महत्वाकांक्षी मार्च सफलता की उम्मीद के बिना नहीं निकाला जा सकता. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हमारी योजना और तैयारी पक्की है लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि हम सत्तारूढ़ ताकतों की अनदेखी नहीं कर सकते.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अगर वे देखेंगे कि यात्रा का गहरा असर पड़ रहा है तो देश का ध्यान किसी और तरफ खींचने की उनकी क्षमता पर मुझे कोई संदेह नहीं है.’’
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