Congress 85th Plenary Session: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां राष्ट्रीय महाधिवेशन चल रहा है. कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित देश भर के कांग्रेसी नेता जुटे हैं. कार्यक्रम में खरगे ने शनिवार (25 फरवरी) को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया. 


मोदी सरकार पर बरसते हुए खरगे ने कहा, "देश 5 सालों में सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. इस सरकार ने चीन के अतिक्रमण पर घुटने टेक दिए गए हैं." पीएम मोदी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री कहते हैं कोई घुसा नहीं, विदेश मंत्री कहते हैं कि हम चीन से लड़ नहीं सकते, क्योंकि वो बड़ी अर्थव्यवस्था है." खरगे ने कहा, "चीन से जमीन छीन कर अप्रैल 2020 की स्थिति वापस दिलाएंगे तभी समझेंगे कि आपकी 56 इंच की छाती है."


नए आंदोलन की जरूरत बताई


कांग्रेस अध्यक्ष कहा, "केंद्र सरकार देश के लोकतांत्रिक ढांचे को तोड़ने का षड्यंत्र रच रही है. इसके खिलाफ आंदोलन करना होगा." उन्होंने आगे कहा, "मौजूदा सरकार आकाश, धरती और पाताल, देश की सभी चीजें बेच रही है. इसके खिलाफ आंदोलन करना होगा" उन्होंने कहा, "आज देश सबसे कठिन चुनौतियों से गुजर रहा है. सत्ता में बैठे लोगों ने देश की जनता के अधिकारों और भारत के मूल्यों पर हमला बोल रखा है, इसलिए आज एक नए आंदोलन के शुरुआत की जरूरत है."


मोदी सरकार पर हमला बोला


खरगे ने दावा किया कि सरकार में बैठे लोगों का डीएनए गरीब विरोधी है. उन्होंने कहा, "देश में नफरत का माहौल है. महंगाई और बेरोजगारी से जनता परेशान है." उन्होंने कहा, "आज सत्ता में बैठे लोग जनता के अधिकारों पर हमला बोल रहे हैं. खरगे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संकल्प दिलाते हुए कहा, "आज सबको 'सेवा, संघर्ष और बलिदान, सबसे पहले हिंदुस्तान' का संकल्प लेना होगा." उन्होंने छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी नेताओं के ठिकाने पर ED की छापेमारी पर कहा, "कैसे कांग्रेस के महाधिवेशन को नाकाम बनाने के लिए जगह-जगह एजेंसियों के छापे पड़वाए गए?"


भारत जोड़ो यात्रा की तारीफ की


खरगे ने राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने इस यात्रा के जरिए देश में डर और नफरत के खिलाफ संघर्ष की एक मशाल जलाई है, जिसकी रोशनी कन्याकुमारी से कश्मीर तक फैल गई. राहुल गांधी धूप, बारिश, धूल और बर्फ की परवाह किए बिना पैदल चलते रहे. उन्होंने असंभव को संभव कर दिखाया."


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