AAP-कांग्रेस में सीट शेयरिंग पर बन गई बात! जानें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गुजरात में कैसा हो सकता है फॉर्मूला
Seat Sharing Formula: बीती 13 जनवरी को AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात हुई. पहली बार दोनों पार्टी के शीर्ष नेता एक दूसरे से इस तरह मिले थे.
AAP-Congress Seat Sharing Formula: विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की अलग-अलग दलों के साथ लगातार बैठकें हो रही हैं. इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ भी कांग्रेस की दो बार की बैठक हो चुकी है. इन दोनों ही बैठकों के बाद कांग्रेस और AAP के नेताओं के लगभग एक जैसे बयान सामने आये.
दोनों ही पार्टी के नेताओं ने ये जरूर कहा कि बैठक पॉजिटिव रही है और जल्द ही फाइनल नतीजे पर पहुंच जाएंगे, लेकिन दोनों ही पार्टियों ने इस बात की जानकारी साझा नहीं की कि किसको कितनी सीटें दिये जाने पर बात बन रही है. पूछे जाने पर दोनों ने कहा कि अभी किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं.
सेट हुआ सीट शेयरिंग फॉर्मूला का गणित
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ही पार्टियों के बीच लगभग ये तय हो चुका है कि कौन सी पार्टी किस राज्य में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जानकारी के अनुसार ये सारी चीजें आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की हालिया बैठक में तय हुई हैं.
बीती 13 जनवरी को ही AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात हुई. ये पहला मौका था जब दोनों ही पार्टी के शीर्ष नेता एक दूसरे से इस तरह अलग से मिले हैं. ऐसे में सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में कई मुद्दों पर बात हुई और खासतौर पर ये भी बात हुई कि सीट शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर अब तक जो बैठकें दोनों पार्टी के नेताओं के बीच चल रही हैं, उसे कैसा आगे बढ़ाना है.
सूत्र ये भी दावा कर रहे हैं कि इस मीटिंग के दौरान दोनों पार्टी के आलाकमान ने भी सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर फाइनल बातचीत कर ली है. यानी दोनों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभभ फाइनल हो चुका है और जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी.
कैसा होगा सीट शेयरिंग फॉर्मूला?
बताया जा रहा है कि जो सीट शेयरिंग का फॉर्मूला दोनों ही पार्टियों के बीच तय माना जा रहा है, वो कुछ इस तरह से होगा—
-दिल्ली में 4 सीटों पर AAP और 3 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ सकती है.
-पंजाब को लेकर दोनो ही पार्टियां ये साफ कर चुकी है कि दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे, लेकिन दोनों के बीच ये भी तय हुआ है कि अगर चुनाव से पहले अकाली दल और बीजेपी फिर साथ आते हैं तो उसके बाद दोनों ही पार्टियां पंजाब को लेकर अलग से चर्चा करेंगी.
-गुजरात में AAP को सिर्फ 2 सीटें कांग्रेस दे सकती है. हालांकि AAP ने 2 से ज्यादा सीटें मांगी हैं.
-हरियाणा में भी AAP ने 2 से 3 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की है, लेकिन यहां पर भी कांग्रेस 1 सीट से ज्यादा आम आदमी पार्टी को देने को तैयार नहीं है.
-गोवा में कांग्रेस फिलहाल AAP को एक भी सीट देने को तैयार नहीं है. वजह ये है कि गोवा में 2 ही लोकसभा सीट है और कांग्रेस दोनों पर ही चुनाव लड़ना चाहती है.
आधिकारिक तौर पर नहीं लगी मुहर
हालांकि अभी भी दोनों ही पार्टियों से नेता इस पर कुछ भी खुलकर कहने से बच रहे हैं. AAP नेता सौरभ भारद्वाज से जब ये सवाल पूछा गया कि क्या खरगे और राहुल गांधी की अरविंद केजरीवाल के साथ मुलाकात के बाद सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय हो गया है तो इस पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि राहुल गांधी और खरगे के साथ केजरीवाल की मीटिंग के दौरान सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई होगी.
उन्होंने कहा कि ये गठबंधन के नेताओं की बैठक थी. अभी बहुत ज्यादा चीज नहीं निकली है. गठबंधन को लेकर चर्चा अभी जारी है. सौरभ ने कहा कि दोनों पार्टियां गठबंधन को लेकर काफी पॉजिटिव है और जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे.
इससे साफ है कि दोनों ही पार्टी के नेताओं के बीच बैठक का दौर अभी आगे भी जारी रह सकता है. हालांकि, सूत्रों की मानें तो दोनों ही पार्टियां अलग-अलग राज्यों में गठबंधन का गणित फिट कर चुकी है और अब बैठक सिर्फ औपचारिकता मात्र रह गई है.
ये भी पढ़ें:
नई मूर्ति स्थापित होने के बाद रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या होगा? चंपत राय ने बताया