दिल्ली में गठबंधन पर विवाद के बाद AAP ने कहा, 'कांग्रेस ने साफ किया रुख, मामला अब खत्म'
Congress-AAP Alliance: विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का हिस्सा कांग्रेस और आप में दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर शुरू हुई बयानबाजी गुरुवार (17 अगस्त) को थम गई.
AAP-Congress Alliance: लोकसभा चुनाव को देखते हुए दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के साथ बुधवार (16 अगस्त) को अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी ने मीटिंग की. बैठक के बाद कांग्रेस के नेताओं ने बयान दिया कि पार्टी सभी सात सीटों पर तैयारी कर रही है.
इसके बाद आप और कांग्रेस में मतभेद सामने आया. दोनों पार्टियों की तरफ से बयानबाजी शुरू हो गई, लेकिन यह मामला गुरुवार (17 अगस्त) थम गया. आप ने कहा कि कांग्रेस के रुख स्पष्ट करने से पूरा मामला खत्म हो गया है.
कैसे विवाद शुरू हुआ?
कांग्रेस की मीटिंग के बाद अलका लांबा ने कहा था, ''आप से गठबंधन करना है या नहीं, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन हमें सातों सीट पर तैयारी करने को कहा गया है. हम सातों सीट पर ठीक से तैयारी करके मजबूती से जनता के पास जाएंगे.''
वहीं दिल्ली कांग्रेस के चीफ अनिल चौधरी ने बुधवार को एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा था कि आप से गठबंधन का फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा.
आप ने किया था पलटवार?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आप ने इन बयानों के बाद पलटवार कर कहा कि कांग्रेस दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो मुंबई में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की अगली बैठक में भाग लेने का कोई मतलब नहीं है.
दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने भी कहा कि बयान देने वाले कांग्रेस के छोटे नेता हैं. इनकी जमानतें विधायक चुनाव तक में नहीं बची है. इनकी कोई महत्ता नहीं है. अनील चौधरी और अलका लांबा ने बयान दिया है, दोनों की ही जमानत कहां बची है.
कांग्रेस ने दिया जवाब
कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया ने बयान पर कहा कि अलका लांबा एक प्रवक्ता हैं, लेकिन ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करने के लिए वह अधिकृत प्रवक्ता नहीं हैं. मीटिंग के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी नेताओं से कहा था कि वो पार्टी लाइन के तहत ही बयान दें.
कांग्रेस और आप में कैसे विवाद सुलझा?
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस ने अब खुद ही अपने बयान से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा है. मामला अब खत्म हो गया है. कांग्रेस ने स्पष्टीकरण दे दिया है और सबकुछ अब स्पष्ट है. सभी दल मिल-बैठकर हिसाब-किताब लगाते हैं और फिर ऐसी चीजें तय होती हैं.’’
आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने धैर्य रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा, ''कांग्रेस पार्टी ने निर्दिष्ट किया कि उसके कुछ नेताओं के बयान व्यक्तिगत टिप्पणियां थीं. मुझे लगता है कि फिलहाल थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है और मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की अगली बैठक तक कोई रास्ता निकलेगा.'' दरअसल कांग्रेस और आप 26 दलों वाले विपक्षी गठबंधन इंडिया कि हिस्सा है.
इनपुट भाषा से भी.
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