Congress accuses BJP on Bilkis's Bano Case: कांग्रेस ने बिल्किस बानो केस में सभी 11 दोषियों की जेल से रिहाई के लिए बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया. कांग्रेस ने कहा कि सभी दोषियों की रिहाई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की स्वीकृति से हुई है और यह सब चुनाव के मद्देनजर किया गया. कांग्रेस पार्टी ने सरकार से यह सवाल भी किया कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप क्यों हैं? गुजरात सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि बिल्किस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों को माफी देने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली गई थी.


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर तंज कसा और कहा कि ‘‘लाल किले से महिला सम्मान की बात, लेकिन असलियत में बलात्कारियों का साथ, प्रधानमंत्री के वादे और इरादे में अंतर साफ है, प्रधानमंत्री ने महिलाओं के साथ सिर्फ छल किया है.’’


पवन खेड़ा ने पीएम पर साधा निशाना


कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, ‘‘देश इंतजार कर रहा है मोदी जी, कुछ इस मुद्दे पर भी अपने मन की बात बताइए.’’ इसके अलावा उन्होंने बिल्किस मामले पर एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘जहां सरकार बलात्कार की शिकार का मजहब और बलात्कारी का धर्म देखकर अपने निर्णय ले, क्या वहां अब कुछ बचा है कहने को?’’


दोषियों की रिहाई सरकार पर धब्बाः मनु सिंघवी


कांग्रेस  प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गुजरात सरकार की तरफ से पहली बार कहा गया है कि सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों की रिहाई पर मोदी सरकार ने सहमति दी. यह बड़ी विडंबना है कि रिहाई 15 अगस्त को हुई.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बिल्किस बानो मामले में दोषियों को समय से पहले रिहा करना इस सरकार की विरासत पर एक धब्बा है, जो कभी नहीं मिटेगा.


सिंघवी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार पिछले दो-तीन महीनों से बिल्कुल चुप्पी साधे हुए है. हलफनामे के जरिये यह बात सामने आई है कि उसकी सहमति से सब हुआ. इसका मतलब है कि इस तथ्य को छिपाने का पूरा प्रयास किया गया.’’


सिंघवी ने सवाल किया, ‘‘बड़ी-बड़ी संस्थाओं और व्यक्तियों के विरोध के बावजूद, सीबीआई के विरोध के बावजूद, विशेष न्यायाधीश के विरोध के बावजूद किस आधार पर मोदी सरकार ने अनुमति दी? क्या मोदी सरकार ने सभी बलात्कारियों से ऐसे ही बर्ताव करने का निर्णय लिया है? क्या बलात्कार मामलों में यह नया मानक तय किया गया है?’’


उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई दो राय नहीं कि सुुप्रीम कोर्ट निर्णय लेगा, लेकिन हम हमेशा मानते हैं कि एक सामूहिक समाज और जनता जनार्दन का जो मत होता है और जो जनता जनार्दन वाली कोर्ट-कचहरी होती है, जो आत्मा वाली कोर्ट-कचहरी होती है, जो करुणा वाली कोर्ट-कचहरी होती है, उस कसौटी पर ये सरकार पूरी तरह से विफल हुई है, हार गई है.’’


बलात्कारियों, हत्यारों की आजादी मोदी सरकार की प्राथमिकताः खड़गे


कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा कि ‘‘विशेष अदालत की आपत्ति, सीबीआई के शक जताने के बावजूद केवल केंद्र की भाजपा सरकार बिल्किस बानो के दोषियों की रिहाई को लेकर दृढ़ थी. बलात्कारियों और हत्यारों की आजादी उसकी प्राथमिकता है न कि न्याय की उम्मीद कर रही एक महिला की याचिकाएं. यह सरकार के चरित्र के बारे में काफी कुछ कहता है.’’


कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया, ‘‘11 बलात्कारियों की रिहाई अमित शाह की स्वीकृति से की गई. अब सवाल प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर है. अरविंद केजरीवाल की चुप्पी को लेकर है. उन्होंने कहा, ‘‘क्या बलात्कारियों के बल पर चुनाव लड़े जाएंगे? अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री को लाल किले से महिलाओं के बारे में बात नहीं करनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं है तो प्रधानमंत्री को अपने गृह मंत्री को हटा देना चाहिए.’’


गौरतलब है कि गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों के दौरान बिल्किस बानो से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसकी तीन साल की बेटी समेत परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. घटना के वक्त वह पांच महीने की गर्भवती थी.


ये भी पढ़ें: बिलकिस बानो के दोषी ने पैरोल पर छूटने के दौरान की थी 'महिला से छेड़छाड़', अब विपक्ष ने उठाए सवाल