नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को ऑपरेशन वेस्ट एंड का जिक्र छेड़ते हुए एक बार फिर राफेल मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की. कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "जिस तरीक़े से वेस्ट एंड मामले मे कोर्ट के ज़रिए सत्य देश के सामने आया है. ऐसे ही जिस दिन राफ़ेल मामले की जांच होगी तो पूरा देश इसका भी सच जान जाएगा क्योंकि बीजेपी ने यह समझौता देश सुरक्षा के लिए नही, बल्कि जेब की सुरक्षा के लिए किया है. "
शेरगिल ने कहा कि कांग्रेस ने 2001 के ऑपरेशन 'वेस्ट एंड' का हवाला देते हुए कहा कि इस देश के रक्षा समझौतों पर सरकार को पारदर्शिता बरतनी चाहिए थी, कानूनों का पालन होना चाहिए था. ऑपरेशन 'वेस्ट एंड' ने इस सबका पर्दाफ़ाश कर दिया. रक्षा समझौतों के लिए वह दिन एक काला दिवस था इस ऑपरेशन से दो बड़े खुलासे हुए थे.
कांग्रेस नेता ने कहा, "बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण अपने ही दफ्तर में रिश्वत लेते कैमरे पर पकड़े गए थे. रिश्वत ली गई थी HHTI के ठेके लिए, UK की कंपनी से वादा किया गया था कि बीजेपी सरकार से HHTI का ठेका आपको दिलवाया जाएगा. इसे ऑपरेशन 'वेस्टएंड' जजमेंट-1 नाम दिया गया. अब ऑपरेशन 'वेस्टएंड' जजमेंट-2 आया है. जहां जया जेटली और उनके साथियों को रक्षा मंत्री के घर पर बैठकर रिश्वत लेने और आप पैसा लाओ सरकार से डील हम करवाएंगे के चक्कर में सज़ा हुई जिससे यह साफ़ होता है कि रक्षा सौदों मे बीजेपी की क्या भूमिका रही है."
कांग्रेस ने सरकार से तीन सवाल भी पूछे-
- क्या वह देश बनाओ की नीति से रक्षा समझौता कर रहा है या पैसा बनाओ की नीति से?
- क्या सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डील कर रही है या खुद की जेब की सुरक्षा पर ध्यान रखते हुए?
- सरकार क्या कानून का पालन कर रही है या सिफारशी काम कर रहे है?
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