Ajay Rai Profile: सपा शासन में काटी जेल, दो बार PM मोदी के खिलाफ ठोंकी ताल, अब स्मृति ईरानी पर लटके-झटके वाला बयान
Congress Ajay Rai: केंद्रीय मंत्री और अमेठी से बीजेपी की सांसद स्मृति ईरानी पर की गई टिप्पणी के कारण कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय राय सुखिर्यों में आ गए हैं.
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Ajay Rai Profile: अजय राय, पूर्वी यूपी में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा हैं, जिन्होंने हाल ही में केंद्रीय मंत्री और अमेठी से बीजेपी की सांसद स्मृति ईरानी पर ऐसी टिप्पणी कर दी, जिससे वह भाजपाइयों के निशाने पर आ गए. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी उन्हें अगले सप्ताह तलब किया है. राय पर माफी मांगने का दवाब बनाया जा रहा है, लेकिन उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है. ऐसे में बहुत से लोग अजय राय के बारे में जानना चाहते हैं, यहां जानिए कि वे कौन हैं...
राय एक भूमिहार नेता हैं जो पिछले एक दशक से पूर्वी यूपी में कांग्रेस का खास चेहरा रहे हैं. वह पहले बीजेपी में ही थे. उन्होंने अपना राजनीतिक करियर बीजेपी से ही शुरू किया था. 2012 में वह कांग्रेस में शामिल हुए. उसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही बार हार गए.
मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए
2009 में भी अजय राय वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को टिकट मिलने के बाद, उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद उन्होंने खुद कोलासला से 2009 में ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उससे भी पहले वह वाराणसी में कोलासला सीट से ही भाजपा के टिकट पर तीन बार- 1996, 2002 और 2007 में यूपी विधानसभा के लिए चुने गए.
2012 में यूं हुई थी कांग्रेस पार्टी में एंट्री
अजय राय अब तक पांच बार के विधायक रह चुके हैं. 2012 में उनकी कांग्रेस में तब एंट्री हुई थी जब दिग्विजय सिंह यूपी के प्रभारी और कांग्रेस महासचिव थे. उन्होंने अजय राय के पार्टी में प्रवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने 2012 के विधानसभा उपचुनाव में वाराणसी की पिंडरा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और इस तरह वह पांचवीं बार विधायक बने.
.. और तब 7 महीने तक जेल में रहना पड़ा
2015 में अजय राय को गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध लगाने पर आपत्ति जताने वाले स्थानीय लोगों के खिलाफ पुलिस का विरोध करने वाले संतों द्वारा एक विरोध मार्च के दौरान हिंसा में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था. तब यह कहा गया कि राय उस विरोध मार्च के पीछे एक प्रमुख चेहरा थे. तब राय को सात महीने से अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा. राय ने यूपी के चंदौली में भारत जोड़ो यात्रा भी निकाली थी.
कांग्रेस नेतृत्व को है उन पर भरोसा
अजय राय 2017 और 2022 में विधानसभा चुनाव जीतने में नाकाम रहे, लेकिन वह सालों से कांग्रेस में महत्वपूर्ण संगठनात्मक जिम्मेदारियां निभा रहे हैं. कांग्रेस नेतृत्व के उन पर भरोसे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा राज्य इकाई के फेरबदल में, उन्हें प्रयागराज क्षेत्र के लिए पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया, जिसमें पूर्वी यूपी के लगभग 12 जिलों की जिम्मेदारी उन्हीं पर है.
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