नई दिल्ली: सीबीआई के जज लोया की मौत के मामले में आज कांग्रेस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. कांग्रेस ने बीजेपी और आरएसएस पर आरोप लगाया है कि जज लोया की मौत की जांच के लिए याचिका दाखिल करने वाले सूरज लोलगे बीजेपी और आरएसएस के सक्रिय सदस्य हैं और उन्होंने आरएसएस के महासचिव भैयाजी जोशी के कहने पर ही मामले में याचिका दाख़िल की और उसे वापस करने से भी मना कर दिया.
कांग्रेस ने क्या दावे किए हैं?
कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक ऑडियो टेप और कुछ फोटो जारी कर मामले के एक याचिकाकर्ता सूरज लोलगे पर बीजेपी के सक्रिय सदस्य होने का आरोप लगाया है. सूरज को बीजेपी का कार्यकर्ता साबित करने के लिए कांग्रेस ने 25 दिसंबर, 2016 का एक आवेदन फॉर्म दिखाते हुए दावा किया कि लोलगे ने नागपुर नगरपालिका के चुनाव में बीजेपी से टिकट मांगा था. इसके साथ कांग्रेस ने एक रसीद भी जारी की है.
इतना ही नहीं कांग्रेस ने दावा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस जब एक सभा को संबोधित कर रहे थे तो उनके पीछे लगे बैनर पर सूरज लोलगे का नाम और फोन नंबर लिखा था. वहीं कांग्रेस की तरफ से जारी एक अन्य फोटो में लोलगे को देवेन्द्र फडणवीस का स्वागत करते हुए दिखाया है.
कांग्रेस ने जारी किए दो ऑडियो टेप
कांग्रेस ने अपनी बात के समर्थन में दो ऑडियो टेप भी जारी किए हैं. कांग्रेस के मुताबिक़ बातचीत में सूरज लोलगे और सतीश ऊके के भाई और विदर्भ बीजेपी का संगठन प्रमुख प्रदीप ऊके की आवाज़ है. बातचीत मराठी में है और यह इस साल तीन फरवरी और दस फरवरी की है. कांग्रेस ने टेप में हुई बातचीत के जरिए दावा किया है कि लोलगे बीजेपी के एक कार्यकर्ता के जरिए आरएसएस के महासचिव भैयाजी जोशी के संपर्क में था. भैयाजी जोशी के निर्देश पर ही लोलगे ने पहले याचिका दाखिल की और फिर उसे वापस करने से भी मना कर दिया.
भैयाजी जोशी के कहने पर सूरज ने दिखाई जल्दबाज़ी
कांग्रेस के मुताबिक़, 20 नवंबर 2017 को कारवां मैग़ज़ीन में जज लोया की मौत पर लेख छपा था. 23 नवंबर 2017 को महाराष्ट्र के ख़ुफिया विभाग ने जांच शुरू कर दी. 27 नवंबर 2017 को सूर्यकांत लोलगे उर्फ़ सूरज लोलगे ने मुंबई हाइकोर्ट की नागपुर बेंच में इसकी जांच के लिए सबसे पहली याचिका दाखिल की. कांग्रेस का दावा है कि याचिका दाख़िल करने में भैयाजी जोशी के ही कहने पर जल्दबाज़ी दिखाई गई.
चौंकाने वाली बात ये भी है कि जिस सूरज लोलगे को कांग्रेस पार्टी आरएसएस और बीजेपी का कार्यकर्ता बता रही है वो इसी मुद्दे पर 30 जनवरी को हुई कांग्रेस की प्रेस कांफ्रेंस में कपिल सिब्बल और सलमान ख़ुर्शीद के साथ मौजूद था. हालांकि सिब्बल ने इसको लेकर कहा कि ये उनकी ग़लती है, क्योंकि उन्हें तब लोलगे के बीजेपी कनेक्शन के बारे में जानकारी नहीं थी.
कांग्रेस के आरोपों में हैं कई कमजोर बिंदू
कांग्रेस के आरोपों में कई कमज़ोर बिंदू भी हैं. कांग्रेस ये भूल गई कि सूरज लोलगे ने कभी भी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में कोई याचिका दाखिल नहीं की थी. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले न सिर्फ़ मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच बल्कि मुंबई हाईकोर्ट में भी मुंबई बार एसोसियशन की तरफ़ से याचिका दाख़िल की गई थी.
इन सबके अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी तहसीन पुनावाला समेत कुछ लोगों ने एक अलग याचिका दाख़िल की थी. इन सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने इकठ्ठा सुनवाई की और अपना फैसला दिया. इसका मतलब ये हुआ कि लोलगे याचिका दाख़िल करते या नही, इससे इस केस पर कोई फर्क ही नहीं पड़ता. कपिल सिब्बल इस बात का भी जवाब नहीं दे पाए कि आख़िर याचिका दाख़िल करवाने में भैयाजी जोशी की रूचि क्यों थी?
बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
सिब्बल के इन आऱोपों पर बीजेपी के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा है, ‘’कांग्रेस केवल आरोपों के सहारे संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को डिसक्रेडिट कर रही है. लोकतंत्र में ये ठीक नहीं है.’’
वहीं कांग्रेस के इन आरोपों पर बीजेपी के विदर्भ संगठन मंत्री डॉ.उपेंद्र कोठेकर ने कहा, ‘’सूरज लोलगे से मेरा दो साल से कोई संबंध नहीं है. मैंने दो साल से उसका चेहरा भी नहीं देखा है. वो पहले युवा मोर्चा का काम करता था, लेकीन आज उसकी जो करतूते हैं वो ऐसी नहीं है कि हम उससे संबंध या संपर्क रखें. और भैय्याजी जोशी जैसे आदमी सूरज लोलगे जैसे से क्यूं कोई बात करेंगे?
ध्यान दें- जज लोया मामले में सूरज लोलगे और प्रदीप ऊके की बातचीत का ऑडियो टेप कांग्रेस ने जारी किया है. बातचीत मराठी में है इसलिए इस बातचीत का हिंदी में अनुवाद किया गया है.
पहली कॉल-
प्रदीप:- तू उसको बोलना नही था क्या, आज तो भी, तेरे पास कागज़ है क्या नए केस का, की पुरानी केस मेरी है करके
सूरज:- हा है, वह नए दो पेज मैंने निकाले है कल रात में
प्रदीप:- कहा से निकाले
सूरज:- भाऊ ने जो भेजा वो निकाले मैंने यहाँ से प्रिंटआउट
प्रदीप:- भाऊ ने कब रात में भेजे जब मैंने उन्हें कहा की इसे किसने कहा डबल केस डालने के लिए
सूरज:- हम्म,
प्रदीप:- तब तुझे कहा होगा, देख रे मैं हु छोटा आदमी, बराबर है ना, मैं छोटा सा आदमी हु, मुझे जो लोग जैसे बोलते है, जैसे तूने मुझे दबाया, मैं दब गया, तूने कहा ऐसे नही करने का तेरी माँ ** मैंने सुन लिया, बराबर है तूने कहा नहीं तब
सूरज:- कब भाऊ
प्रदीप:- जब तूने वहा से तू वहा गया था, नागपुर मे
सूरज:- हां
प्रदीप:- तूने कहा नही, मेरे कागज़ इस्तेमाल नही करना, नही तो सतीश उके को अन्दर डाल दूंगा, कहा ना तूने तब
सूरज:- मैंने ऐसा कुछ नही कहा, तुमे अभियान क्या कहता है वह तुम्हारा तुमको मालुम
प्रदीप:- और तुझे RSS कह रहा है की तू वह केस निकाल डाल, फिर
सूरज:- कौनसा केस
प्रदीप:- क्या कहा Rss ने केस वापस नही लेने का, तू कह रहा था ना की तू RSS के मन से चलेगा, उससे चलेगा
सूरज:- हां हां, हां लोहिया की केस वापस नही लेने का ऐसा डायरेक्ट ही कहा
प्रदीप:- RSS वाले तुझे क्यूँ कहेंगे, भाई
सूरज:- बिलकुल, कह रहे इसलिए बता रहा हु मैं
प्रदीप:- किसने कहा, कोई नही है, किसी ने नही कहा तुझे
सूरज:- क्या.. भाऊ
प्रदीप:- कब कहा तुझे RSS वालो ने, मुझे ये तो बता
सूरज:- भैयाजी जोशी ने कहा ना मुझे, कोठेकर के थ्रू ,इसलिए मैं ..
प्रदीप:- क्या कहा
सूरज:- कहा, वापस नही लेना सूरज, तुझे वापस लेने के लिए दवाब लायेगा, करके वापस नही लेना
प्रदीप:- कौनसी केस, यह वाली
सूरज:- लोहिया वाली
प्रदीप:- हां, ठीक है ..बाबा
सूरज:- ठीक
प्रदीप:- हां हां
दूसरी कॉल
प्रदीप:- क्या हुआ तुम्हारे वह RSS वालो का, फ़ोन आया की छोड़ दिया उन्होंने साथ
सूरज:- नही, है ना वह हमारे साथ... कोई विषय ही नही भाई..
प्रदीप:- हुम्म... हुम्म... हुम्म
सूरज:- हुम्म..
प्रदीप:- नही तो तुमने जो कहा वो मिल रहे है, की नही मिल रहे है
सूरज:- मिल रहे है ना वो
प्रदीप:- कौन कौन, लेकिन वह डायरेक्ट नही मिल रहे है ना आपको, की डायरेक्ट मिले
सूरज:- भाऊ डायरेक्ट मिले ना
प्रदीप:- कौन कौन थे उसमे
सूरज:- उपेन्द्र कोठेकर के थ्रू मिलना होता है, उस दिन नागपुर में ही थे ना
प्रदीप:- कौन
सूरज:- भैयाजी जोशी
प्रदीप:- फिर तुम्हारी हुई क्या मुलाकात
सूरज:- अपनी वैसी डायरेक्ट नही होती भाऊ मुलाकात, अपने को एक के थ्रू ही बात करना पड़ता है
प्रदीप:- हुम्म... हुम्म... याने... समझा नही मैं, याने यह तुम जहा जाते हो
सूरज:- जहा मैं जाता हु न कोठेकर, कोठेकर के थ्रू ही डायरेक्ट मुलाकात होती है..याने अपनी बात होती हैं, वह भी बड़ा आदमी है ना, उसे सिक्यूरिटी है, मुझसे अगर मिलेगा तो लोगो के नज़र में नही आएगा, फिर यह
प्रदीप:- किसे
सूरज:- भैयाजी जोशी को भी सिक्यूरिटी है ना
प्रदीप:- उन्हें कैसी है
सूरज:- सिक्यूरिटी है ना भाई, सहकार्यवाह है, उन्हें भी सिक्यूरिटी है पुलिस की
प्रदीप:- वह भी बड़े है क्या
सूरज:- फिर क्या, सेकंड नंबर की पोस्ट है ना, संघ की
प्रदीप:- अच्छा..अच्छा..अच्छा..अच्छा..अच्छा, इसलिए तुम इधर, दूसरी तरफ जाकर मिलते हो, फिर
सूरज:- फिर वैसा ही तो है भाऊ, सहकार्यवाह है वह, सेकंड नंबर की पोस्ट है
प्रदीप:- फिर कांटेक्ट कैसे होता है, फिर
सूरज:- मोबाइल पर
प्रदीप:- हुम्...हुम्..हुम्, ठीक है, जाने दो अब, लेकिन उन्होंने यह तो कहना चाहिए आपको ...
सूरज:- क्या भाऊ
प्रदीप:- सपोर्ट, बाकी तो सपोर्ट करने को नही होना क्या उन्होंने तुमको
सूरज:- है है वह कोई विषय नहीं