Parliament Budget Session: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से माफी की मांग और अडानी मामले में जेपीसी गठन के मसले पर सरकार और विपक्ष के बीच तकरार और गतिरोध की वजह से शुक्रवार (17 मार्च) को भी संसद नहीं चल सकी. संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सरकार और विपक्ष के बीच हंगामा और नारेबाजी शुरू हो गई. जिस वजह से देश के दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा. अब लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार (20 मार्च) को होगी.



इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार के खिलाफ विरोध की आवाजों को शांत करने के लिए एक बार फिर से संसद के माइक बंद कर दिए गए. अपने आरोपों को साबित करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद विपक्ष के विरोध के दौरान स्पष्ट रूप से ऑडियो चला जाता है.


 






आवाज जाने पर कांग्रेस का हमला

कांग्रेसी सांसद आवाज लगा रहे थे कि राहुल जी को बोलने दो, बोलने दो... इसी दौरान आवाज म्यूट हो जाती है. वीडियो में ओम बिरला किसी से कुछ कहते भी नजर आ रहे हैं लेकिन उनकी आवाज भी नहीं आ रही है. कांग्रेस ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "पहले केवल माइक बंद थे, आज सदन की कार्यवाही म्यूट थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त के लिए लोकसभा मूक है." करीब 20 मिनट तक कोई ऑडियो नहीं आया. वीडियो में विपक्षी सांसदों को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की कुर्सी के पास विरोध करते हुए दिखाया गया है, तकरीबन सभी सदस्य ट्रेजरी बेंच के पास खड़े थे.

स्पीकर के समय वापस आई आवाज

ऑडियो तभी वापस आया जब स्पीकर बोले. उन्होंने पहले सदस्यों से चिल्लाना बंद करने का आग्रह करना और फिर सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया. सरकार ने यह नहीं बताया कि लोकसभा में आवाज क्यों नहीं हुई? कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अडानी-हिंडनबर्ग विवाद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की विपक्षी मांगों को चुप कराने के लिए माइक को म्यूट किया गया था. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ बीजेपी ने राहुल गांधी को संसद में बोलने नहीं देने का फैसला किया है.

राहुल के खिलाफ बीजेपी हमलावर

वहीं बीजेपी ने राहुल गांधी पर भारत विरोधी ताकतों की भाषा बोलने और टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े होने का आरोप लगाया. बीजेपी ने कहा, "विदेशी धरती से भारतीय लोकतंत्र व संसद को गाली देने के बाद स्वदेश लौटे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के मुंह से अपनी टिप्पणियों के लिए खेद स्वरूप एक भी शब्द न निकलना उनके अहंकार को दर्शाता है." संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "भारत की प्रतिष्ठा पर पहले कभी इस तरह से हमला नहीं हुआ है. राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन विदेशी शक्तियों से हस्तक्षेप की मांग करने से बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता."


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