पटना: बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता और एमएलसी प्रेमचन्द्र मिश्रा ने पटना के महात्मा गांधी सेतु पुल निर्माण में घपले का आरोप लगाया है. आज कांग्रेस पार्टी दफ्तर में प्रेमचन्द्र मिश्रा ने इस बारे में बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने आरोपों के पक्ष में सीएजी को रिपोर्ट का हवाला भी दिया.


प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा, " महात्मा गांधी सेतु जिस पर लाखों लोग ट्रेवल करते है. उसकी मरम्मत में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती जा रही है. गलत और घटिया तरह का स्टील इस्तेमाल हो रहा है. इससे पहले 18 दिसंबर को पटना में नितिन गडकरी आने वाले थे लेकिन वह नहीं आए. मैंने एक पत्र मेल कर के इस बारे में बताया था. मैंने बताया था कि महात्मा गांधी सेतु के निर्माण में घटिया स्टील का इस्तेमाल हो रहा है. यह सीएजी की रिपोर्ट है. मैं ये बातें पिछले 1 साल से विधानसभा के अंदर कहता रहा हूं और सरकार के मंत्री नंदकिशोर यादव इसे झूठा ठहराते रहे हैं.''


एक हज़ार करोड़ का है घपला.


प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा, "उनको इस बात का जवाब देना पड़ेगा कि जो एग्रीमेंट हुआ था महात्मा गांधी सेतु की मरम्मत और स्ट्रक्चर के निर्माण को लेकर उसका खुल्लम खुल्ला उल्लंघन क्यों कर रहे हैं. यह लगभग 1000 करोड़ मूल्य का घपला है और खुलेआम घटिया स्टील का इस्तेमाल हो रहा है. एक कमजोर स्ट्रक्चर जानबूझकर तैयार कराया जा रहा है.सीएजी ने मेरे उन सवालों के भी पुष्टि कर दी,जिसे मैंने उठाया था.''


आपत्ती दर्ज कराने वाले अधिकारियों को ही हटाया


प्रेमचन्द्र मिश्रा ने आगे कहा, "मैंने कहा था जब स्टील का इस्तेमाल हो रहा था तो तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार सिंह , रेजिडेंट इंजीनियर आई एन मिश्रा और कंसल्टेंट कंपनी के इंजीनियर प्रशांत भट्टाचार्य ने लिखित में ऑब्जेक्शन किया कि गांधी सेतु के निर्माण में गड़बड़ी हो रही है. गलत सामग्री उपयोग में लाई जा रही हैं. उस पर रोक लगनी चाहिए. सुशासन की सरकार ने बजाय आपत्तियों की जांच कराए उन्ही तीनों अधिकारी को वहां से हटा दिया.''


मलबा के नाम पर तीन सौ करोड़ का घपला


प्रेमचन्द्र मिश्रा ने आगे बताया, "इन एग्रीमेंट में था कि सुपरस्ट्रक्चर को सेगमेंट में तोड़ना था ताकि उसका मलबा गंगा नदी में ना गिरे क्योंकि उसके चलते भी पर्यावरण को खतरा हो सकता है. उसके लिए अलग से 300 करोड़ का प्रोविजन था. उसे टुकड़े-टुकड़े में तोडेंगे,ताकि गंगा नदी में अवशेष ना गिरे. सीएजी ने उस आरोप को भी अपने रिपोर्ट में दिया है. लगभग 300 करोड़ सिर्फ सेगमेंट काटने के नाम पर कंपनी ने मुनाफा कमाया है. उन्होंने पूरे सेगमेंट को एक बार में तोड़ कर गिरा दिया. जो चीजें 3 महीने में तोड़ तोड़ कर गिराना था उसे एक ही बार में तोड़ कर गिरा दिया.''


बिहार का सबसे बड़ा घोटाला, मंत्री को बर्खास्त करने की मांग


प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा, "मैं समझता हूं कि बिहार का यह सबसे बड़ा घोटाला है. कुछ पैसे के मामलों में ऊंचे पदों पर बैठे लोग और बड़े-बड़े अधिकारियों ने गंदा खेल खेला है. लाखों करोड़ों लोगों के जान-माल के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है. तमाम बिंदुओं को सामने रखते हुए कांग्रेस पार्टी स्पष्ट रूप से कहना चाहती है नंदकिशोर यादव जो कि पथ निर्माण विभाग मंत्री हैं उन्हें सरकार अविलंब बर्खास्त करें.''


इस मामले में बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री ने बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने बगैर कैमरे के कहा इस पुल के निर्माण की ज़िम्मेदारी भारत सरकार के नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया की है. बिहार सरकार का कोई लेना देना नहीं.