नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सियासी ड्रामा जारी है. अब तक न बीजेपी और न ही NDA से अलग हो चुकी शिवसेना ने NCP और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाने में कामयाबी पाई है. अब महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और एनसीपी की आज फिर दिल्ली में बैठक होगी.महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुधवार शाम पांच बजे होगी. ये बैठक शरद पवार के घर पर हो सकती है. बैठक के बाद ये साफ हो सकता है कि नई सरकार बनने में कितना वक्त लगेगा?


इस बैठक में कांग्रेस की तरफ से अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खरगे, सुशील कुमार शिंदे, अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चौहान, बालासाहब थोरात, विजय वडट्टीवार रहेंगे तो वहीं एनसीपी से शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार और जयंत पाटिल, नवाब मलिक मौजूद रहेंगे. सोमवार शाम सोनिया गांधी से मिलने के बाद शरद पवार ने कहा था कि सरकार बनाने पर कोई बात नहीं हुई लेकिन कांग्रेस-एनसीपी के नेता आपस में मिल कर आगे का रास्ता तय करेंगे.


इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शरद पवार ने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि हमारी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कोई चर्चा ही नहीं हुई. इसे शिवसेना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था, जो सूबे में गठबंधन सरकार का सपना संजो रही है. अब शिवसेना ने एनसीपी चीफ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पवार क्या कहते हैं, इसे समझने के लिए 100 जन्म लेने होंगे.


शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, 'शरद पवार क्या कहते हैं, इसे समझने के लिए 100 बार जन्म लेना पड़ेगा.' शिवसेना सांसद दिल्ली स्थित अपने पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. इसी दौरान पवार के लगभग 'यू-टर्न' लेने पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही. राउत ने कहा, 'आपको पवार और हमारे गठबंधन को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. बहुत जल्दी ही यानी दिसंबर की शुरुआत में महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली एक सरकार होगी. यह एक स्थिर सरकार होगी.'


राउत ने कहा कि सरकार गठन को लेकर शिवसेना को कोई संदेह नहीं है, लेकिन मीडिया इस पर संदेह पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दों पर एनसीपी प्रमुख के साथ चर्चा हुई थी. राउत ने कहा, 'क्या गलत है अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पवार की तारीफ कर दी? इससे पहले मोदी ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि पवार उनके राजनीतिक गुरु हैं. इसलिए इसमें कोई राजनीति न देखें.'


बता दें कि महाराष्ट्र में शिवसेना बीजेपी से नाता तोड़ कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कोशिश में है. महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किये जाने के बाद 12 नवंबर को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. शिवसेना ने 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में 56 सीटें जीती थी. बीजेपी ने 288 सदस्यीय सदन में सबसे अधिक 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमश: 44 और 54 सीटों पर विजय हासिल की थी.