नई दिल्ली: पूर्व जज लोया की मौत को लेकर राजनीति आज भी गर्म है. आज कांग्रेस समेत विपक्ष की पार्टियों के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जज लोया की मौत की एसआईटी से जांच की मांग की है.
जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाए- राहुल
राहुल गांधी ने कहा, ''15 दलों के 114 सांसदों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. उनकी (जज लोया की) मौत का मामला संदेहजनक नजर आता है. इस मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संतोषजनक प्रतिक्रिया दी है.'' उन्होंने आगे कहा, '' संसद के दोनों सदनों में इस मामले को लेकर कई सांसदों की मांग है कि इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाए.''
जज लोया केस की जांच की मांग को लेकर राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस समेत पांच विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे थे.
इन नेताओं में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और सीपीआई के डी राजा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, तृणूल कांग्रेस के इदरीस अली और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता बदरूद्दीन अजमल शामिल थे.
क्या है पूरा मामला?
जज लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से उस समय मौत हो गई थी, जब वह अपनी एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे. यह मामला तब सामने आया जब उनकी बहन ने भाई की मौत पर सवाल उठाए थे. बहन के सवाल उठाने के बाद मीडिया की खबरों में जज लोया की मौत और सोहराबुद्दीन केस से उनके जुड़े होने की परिस्थितियों पर संदेह जताया गया था.
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर का है ये मामला
गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीदास प्रजापति के नवंबर 2005 में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिसकर्मी समेत कुल 23 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं. बाद में यह मामला सीबीआई को सौंपा गया और मुकदमे को मुंबई ट्रांसफर किया गया.
जज लोया की मौत हार्ट अटैक से हुई- नागपुर पुलिस
वहीं, नागपुर पुलिस के मुताबिक, जज लोया की मौत हार्ट अटैक से हुई थी. पुलिस के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया गया था. विसरा रिपोर्ट में जज लोया के शरीर में किसी तरह का जहर नहीं पाया गया था. जज लोया के बेटे अनुज लोया ने भी पिछले दिनों कहा था कि उन्हें जज की मौत पर कोई संदेह नहीं है.