तेल की कीमतों के खिलाफ कांग्रेस का आज आधे दिन MP बंद का एलान, राजस्थान में पदयात्रा, बंगाल में TMC करेगी प्रदर्शन
देश के कई राज्यों में या तो पेट्रोल 100 रुपये लीटर के करीब पहुंच गया है या पार कर चुका है. लोगों की नाराजगी केंद्र और राज्य, दोनों ही सरकारों से है. आंकड़े बताते हैं कि मुनाफे की मलाई खाने में दोनों ही आगे हैं, खास तौर पर राज्य सरकारें.
नई दिल्ली: तेल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष आज सरकार को घेरने के मूड में है. देश में पिछले 12 दिनों से लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कांग्रेस ने सियासी मुद्दा बना लिया है. इसी कड़ी में आज राजस्थान और मध्य प्रदेश में बड़े आंदोलन की तैयारी है. राजस्थान में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस पदयात्रा निकालेगी, ये पदयात्रा पार्टी मुख्यालय से शुरू होकर पुराने शहर के गलता गेट पर खत्म होगी.
महंगाई के विरोध में मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस ने आधे दिन के बंद का एलान किया है. पेट्रोल-डीजल और सिलेंडर की बढ़ी कीमतों के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में दो दिनों के विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. TMC आज और कल राज्य के हर जिले में महंगाई के खिलाफ जुलूस निकालेगी.
कांग्रेस ने सरकार पर लगाया पेट्रोलजीवी होने का आरोप कांग्रेस ने सरकार पर पेट्रोलजीवी होने क आरोप लगाते हुए कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में कटौती कर देश की आम जनता को राहत प्रदान की जाए. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा किया कि केंद्र सरकार ने पिछले साढ़े छह सालों में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 21.50 लाख करोड़ रुपये जनता से वसूले हैं. उन्होंने कहा, "ईंधन-टैक्स-जीवी मोदी सरकार देश की जनता के लिए अभिशाप बन गई है. उसने मई 2014 से आज तक पेट्रोल-डीजल पर कर लगाकर 21.50 लाख करोड़ की लूट की है. इसलिए बीजेपी का नया नाम है 'भयंकर जनलूट पार्टी' है."
कांग्रेस महासचिव ने कहा, "देश में लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं. 1 मई 2019 के बाद आज तक पेट्रोल की कीमतें 15.21 रुपये प्रति लीटर व डीजल की कीमतें 15.33 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई जा चुकी. देश के कई हिस्सों में पेट्रोल 100 रुपए पार और डीजल 90 रुपए पार हो गया है. "
पेट्रोल-डीजल पर जमकर टैक्स वसूल रहे हैं राज्य देश के कई राज्यों में या तो पेट्रोल 100 रुपये लीटर के करीब पहुंच गया है या पार कर चुका है. लोगों की नाराजगी केंद्र और राज्य, दोनों ही सरकारों से है. आंकड़े बताते हैं कि मुनाफे की मलाई खाने में दोनों ही आगे हैं, खास तौर पर राज्य सरकारें. पीपीएसी यानि पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के डाटा के मुताबिक, एक लीटर पेट्रोल पर सबसे ज्यादा 36 फीसदी वैट राजस्थान सरकार वसूलती है. बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में प्रति लीटर पेट्रोल पर 33 फीसदी वैट लगता है. टीएमसी शासित पश्चिम बंगाल में एक लीटर पेट्रोल पर 25 फीसदी वैट है. गुजरात और अरुणाचल प्रदेश वो राज्य हैं जो सबसे कम 20 फीसद वैट लेते हैं, दिल्ली सरकार भी 30 फीसदी वैट वसूलती है.
केंद्र ने भी बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी, महंगाई की मार जनता पर राज्यों के अलावा केंद्र सरकार ने भी पिछले एक साल में एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है. पिछले साल फरवरी में एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र सरकार 19 रुपये 98 पैसे एक्साइज ड्यूटीज वसूलती थी, जो अब बढ़कर 32 रुपये 98 पैसे हो गया है यानी सीधे 13 रुपये ज्यादा. ऐसे ही एक लीटर डीजल पर फरवरी 2020 में केंद्र सरकार 15 रुपये 83 पैसे एक्साइज ड्यूटी वसूलती थी, अब 31 रुपये 83 पैसे वसूल रही है, यानि 16 रुपये का इजाफा. अगर केंद्र और राज्य सरकारें टैक्स में कटौती करती हैं, तो कीमतों को काबू में किया जा सकता है.
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