कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को दी बड़ी जिम्मेदारी, NSUI का प्रभारी किया नियुक्त
Kanhaiya Kumar News: कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को अपनी स्टूडेंट विंग एनएसयूआई का प्रभारी नियुक्त किया है. कन्हैया कुमार सीपीआई छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे.
Kanhaiya Kumar NSUI In-Charge: कांग्रेस ने गुरुवार (6 जुलाई) को कन्हैया कुमार को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए अपनी स्टूडेंट विंग नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) का प्रभारी नियुक्त किया है. कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने एक प्रेस रिलीज जारी कर ये जानकारी दी. इससे पहले, रूचि गुप्ता एनएसयूआई की प्रभारी थी जिन्होंने करीब ढाई साल पहले पद से इस्तीफा दे दिया था.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कन्हैया कुमार को तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) का एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया है. कन्हैया कुमार जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं.
2019 में लड़ा था लोकसभा का चुनाव
कन्हैया ने 2019 के लोकसभा चुनाव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर बेगुसराय से चुनाव लड़ा थी. हालांकि, वह चुनाव हार गए थे. भारतीय जनता पार्टी के गिरिराज सिंह ने उन्हें मात दी थी. कन्हैया कुमार सितंबर 2021 में सीपीआई छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे.
पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा था कि मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है, यह एक विचार है. यह देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है. सिर्फ मैं ही नहीं कई लोग सोचते हैं कि देश कांग्रेस के बिना जीवित नहीं रह सकता.
Congress appoints Kanhaiya Kumar as the incharge of National Students Union of India (NSUI) pic.twitter.com/ARZ4ZgaOrP
— ANI (@ANI) July 6, 2023
दिल्ली पुलिस ने 2016 में किया था गिरफ्तार
कन्हैया कुमार को फरवरी 2016 में, दिल्ली पुलिस ने जेएनयू में हुए एक कार्यक्रम में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था. कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी पर विपक्षी दलों, छात्रों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उनकी गिरफ्तारी के विरोध में जेएनयू के छात्र हड़ताल पर चले गए थे.
1971 में हुआ था एनएसयूआई का गठन
एनएसयूआई 9 अप्रैल 1971 को स्थापित की गई थी. जो कांग्रेस की छात्र शाखा है. इस संगठन की स्थापना इंदिरा गांधी ने केरल छात्र संघ और पश्चिम बंगाल राज्य छात्र परिषद का विलय करके एक राष्ट्रीय छात्र संगठन बनाने के बाद की थी.
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