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Congress: कांग्रेस ने कई राज्यों में बदले प्रभारी, राजस्थान में अजय माकन की जगह इस नेता को मिली जिम्मेदारी
Congress News: छत्तीसगढ़ में पीएल पुनिया की जगह कुमारी शैलजा को प्रभारी नियुक्त किया गया है. शक्ति सिंह गोहिल हरियाणा के साथ ही दिल्ली के प्रभारी भी बने रहेंगे.
![Congress: कांग्रेस ने कई राज्यों में बदले प्रभारी, राजस्थान में अजय माकन की जगह इस नेता को मिली जिम्मेदारी Congress appoints in-charge in many states, Sukhjinder Singh Randhawa made in-charge of Rajasthan in place of Ajay Maken Congress: कांग्रेस ने कई राज्यों में बदले प्रभारी, राजस्थान में अजय माकन की जगह इस नेता को मिली जिम्मेदारी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/05/22c6db83277440742f8f6577764bb5441670262529490432_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Congress Appoints In-Charge: कांग्रेस ने सोमवार (5 दिसंबर) को कई राज्यों में अपने प्रभारी बदले हैं. कांग्रेस ने अजय माकन (Ajay Maken) की जगह सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान (Rajasthan) का प्रभारी बनाया है. पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर रंधावा उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं. अजय माकन ने कुछ दिनों पहले ही इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ और शक्ति सिंह गोहिल को हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है.
छत्तीसगढ़ में पीएल पुनिया की जगह दलित समाज से ही आने वाली हरियाणा की नेता कुमारी शैलजा लेंगी. शक्ति सिंह गोहिल हरियाणा के साथ ही दिल्ली के प्रभारी भी बने रहेंगे. सुखजिंदर रंधावा को राजस्थान का प्रभारी बनाए जाने पर अजय माकन ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट किया कि, "इस नियुक्ति से मुझे बेहद खुशी हो रही है. सुखजिंदर सिंह रंधावा को शुभकामनाएं. वह एक सक्षम नेता हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अच्छा व्यक्ति नियुक्त किया है." कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी के रूप में बीते नवंबर के महीने में पद छोड़ दिया था.
राजस्थान में कलह के बाद माकन ने छोड़ा था पद
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में अजय माकन ने कहा था कि वह राजस्थान की 25 सितंबर की घटनाओं के बाद अपने पद पर बने रहना नहीं चाहते हैं. माकन ने 8 नवंबर को लिखे अपने पत्र में कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में प्रवेश करने और राज्य विधानसभा उपचुनाव होने से पहले एक नए व्यक्ति को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. उन्होंने खुद को राहुल गांधी का सिपाही बताते हुए कहा कि वह दिल्ली में कांग्रेस को मजबूत करेंगे.
क्या हुआ था राजस्थान में?
दरअसल, 25 सितंबर को कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर अजय माकन और मल्लिकार्जुन खरगे पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर गए थे. तब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की चर्चा थी. ऐसे में नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए विधायक दल की बैठक होनी थी.
ये बैठक जयपुर में बुलाई गई थी, लेकिन सचिन पायलट की उम्मीदवारी का विरोध करने वाले गहलोत समर्थकों ने बगावती सुर अख्तियार कर लिया. जिसके बाद ये बैठक नहीं हो सकी थी. इस घटनाक्रम से आलाकमान भी नाखुश था. इसके बाद तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. साथ ही अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोनिया गांधी से माफी भी मांगी थी.
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