Maharashtra News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि वह अपनी पूर्व की प्रतिबद्धताओं के कारण शनिवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के प्रदर्शन मार्च में शामिल नहीं होंगे.


एक ट्वीट में चव्हाण ने मार्च के प्रति अपना समर्थन जताया और कहा कि वह नांदेड़ में पहले से तय एक विवाह कार्यक्रम में शिरकत करने की योजना के कारण इस प्रदर्शन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी अमिता चव्हाण प्रदर्शन मार्च में शामिल होंगी. ये मार्च दक्षिण मुंबई में जेजे अस्पताल और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के बीच निकाला जाएगा. वहीं एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने राज्य में बीजेपी सरकार पर सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी मुद्दे पर फेल रही है.


कई मुद्दे पर महा विकास अघाड़ी का प्रदर्शन


एमवीए (MVA) के घटक दल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस महाराष्ट्र अन्याय के खिलाफ मार्च निकालेंगे.  नेताओं ने कहा कि शिवाजी महाराज और महात्मा ज्योतिबा फुले जैसी शख्सियतों के अपमान और कर्नाटक की सीमा से लगे क्षेत्रों में मराठी लोगों के साथ अत्याचार और औद्योगिक परियोजनाओं के राज्य से बाहर होने के खिलाफ मुंबई में प्रदर्शन किया जा रहा है.


अशोक चव्हाण 2008 और 2010 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. वह कांग्रेस के उन विधायकों में शामिल हैं. जो इस साल जून में विधानसभा में एकनाथ शिंदे नीत सरकार के विश्वास मत के दौरान सदन से गैरहाजिर थे.


बीजेपी और महा विकास अघाड़ी का आज आमना सामना 
महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ बीजेपी और महा विकास अघाड़ी का आज आमना सामना होगा. दोनों पार्टियां अलग अलग मुद्दे पर सड़क पर उतरेंगी. दोनों ने इस बात को लेकर पहले ही एलान कर दिया है. महा विकास अघाड़ी ने एक ओर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकालने का फैसला किया है तो सत्तारूढ़ बीजेपी ने महा विकास अघाड़ी पर हिंदू देवी-देवताओं पर अपमान का आरोप लगाते हुए माफी मांगने के लिए विरोध मार्च का ऐलान किया है. 


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