नई दिल्ली:  लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपने मिशन मेनिफेस्टो पर तेजी से काम कर रही कांग्रेस ने लोगों की राय लेने के लिए बैठकों के बाद अब वेबसाइट और व्हाट्सएप नम्बर जारी किया है. इस पर जा कर कांग्रेस के कार्यकर्ता से लेकर आम लोग तक अपनी राय और सलाह पार्टी तक पहुंचा सकेंगे जिसकी समीक्षा कर कांग्रेस उन्हें अपने घोषणापत्र में जगह देगी. इसके लिए manifesto.inc.in वेबसाइट पर जा कर और 7292088245 पर व्हाट्सएप संदेश भेज कर आप को कांग्रेस तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं. घोषणापत्र के लिए जारी वेबसाइट में 16 भाषाओं का विकल्प भी दिया गया है.


वेबसाइट जारी करते हुए कांग्रेस घोषणापत्र समिति के प्रमुख पी चिदंबरम ने कहा कि "कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई बार ये स्पष्ट किया है कि कांग्रेस का घोषणापत्र लोगों से बातचीत कर तैयार किया जाएगा. हम लोगों से पूछेंगे कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से क्या उम्मीदें हैं? अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो लोग सरकार से क्या अपेक्षा करते हैं?"


कांग्रेस ने घोषणापत्र बनाने की प्रकिया को 'जन-आवाज' का नाम दिया गया है. इसके लिए गठित कमिटी में 22 सदस्य हैं जिन्हें 20 अलग अलग विषयों की जिम्मेदारी दी गई है. कमिटी के सदस्यों ने 1 अक्टूबर से लोगों की राय और विशेषज्ञों से परामर्श लेना शुरू किया. जानकारी के मुताबिक देश के अलग अलग हिस्सों में अब तक ऐसी 31 बैठकें हो चुकी हैं. इस तरह की 150-160 बैठकें दिसम्बर तक सम्पन्न हो जाएंगी. इस दौरान वेबसाइट और व्हाट्सएप से भी लोगों की राय पार्टी के पास आ जाएगी. इसके बाद इन सबकी समीक्षा कर घोषणापत्र कमिटी घोषणापत्र का एक मसौदा तैयार कर पार्टी को सौंप देगी जिसपर बाद में कांग्रेस वर्किंग कमिटी चर्चा के बाद मुहर लगाएगी.


कांग्रेस घोषणापत्र कमिटी के प्रमुख पी चिदंबरम हैं जबकि राजीव गौड़ा इसके संयोजक बनाए गए हैं. कांग्रेस रीसर्च टीम इस कमिटी की मदद कर रही है. आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, भालचंद्र मुंगेकर, भूपेंदर हुड्डा, बिंदु कृष्णा, जयराम रमेश, कपिल सिब्बल, ललितेश त्रिपाठी, मनप्रीत बादल, मीनाक्षी नटराजन, मुकुल संगमा, रघुवर मीना, रजनी पाटिल, सचिन राव, सैम पित्रोदा, सलमान खुर्शीद, शैलजा कुमारी, शशि थरूर, सुष्मिता देव, ताम्रध्वज साहू इस कमिटी के सदस्य हैं.


इनमें चिदम्बरम के पास आर्थिक मुद्दों का जिम्मा है तो भूपेंदर सिंह हुड्डा पर खेती-किसान का. रक्षा, विदेश मामलों से लकर शिक्षा, स्वास्थ्य, युवा, महिला, पर्यावरण, उद्योग, कला संस्कृति आदि तमाम विषयों की जिम्मेदारी इस कमिटी के सदस्यों को दी गई है.


बीजेपी पर निशाना साधते हुए चिदम्बरम ने कहा कि घोषणापत्र काफी अहम होता है ना कि जुमला जैसे वादे. इस सवाल पर कि क्या विपक्षी दलों का भावी महागठबंधन कोई साझा घोषणापत्र बनाएगा या चुनाव पूर्व कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का एलान करेगा, चिदम्बरम ने कहा कि उन्हें इसका जवाब नहीं पता. वो केवल कांग्रेस का घोषणापत्र बना रहे हैं. किसानों की कर्जमाफी के वादे पर चिदम्बरम ने कहा कि हम फिलहाल लोगों की राय लिख रहे हैं बाद में हम घोषणापत्र बनाएंगे.


दरअसल कांग्रेस ये संदेश देना चाह रही है वो आम लोगों की आवाज सुन रही है और सरकार बनने पर उनकी उम्मीदों पर खड़ी उतरेगी. इससे पहले गुजरात और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने घोषणापत्र बनाने से पहले लोगों की राय ली थी. कर्नाटक में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग घोषणापत्र तैयार किया गया था. हालांकि इन राज्यों में कांग्रेस को चुनावों में बड़ी कामयाबी नहीं मिल पाई. ऐसे देखना है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी अपने 'जन-आवाज' घोषणापत्र से लोगों को कितना लुभा पाती है?