Jadhav Case: कांग्रेस ने कहा- जाधव मामले में सरकार को आईसीजे जाना चाहिए
कांग्रेस ने कुलभूषण जाधव मामले पर सरकार से आग्रह किया कि उसे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाना चाहिए. साथ ही अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में जाकर उनकी मदद करनी चाहिए.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि उसे पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाना चाहिए. साथ ही अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में जाना चाहिए ताकि पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को उनकी मौत की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का अवसर मिले. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पाकिस्तान से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत सरकार पर विश्वास रखना होगा. उसे बहुत तेजी से कुलभूषण जाधव को कानूनी अधिकार दिलाने चाहिए.’’
मामला अभी समाप्त नहीं हुआ है- सिंघवी
सिंघवी ने कहा, ‘‘भारत सरकार को धरती-आसमान एक कर देना चाहिए. उन्हें आईसीजे में आवेदन करना चाहिए. मामला समाप्त नहीं हुआ है. उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल राय बनानी चाहिए कि किसी व्यक्ति को उसके इन अधिकारों का इस्तेमाल करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही जो अपना बचाव नहीं कर पा रहा.’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार पाकिस्तान से उम्मीद करने के बजाय अगले कुछ सप्ताह में कदम उठाएगी. पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पड़ोसी देश के अनुसार जाधव ने अपनी मौत की सजा के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अपील दाखिल करने से इनकार कर दिया है.
भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के इस दावे को ‘स्वांग’ करार दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा कि पाकिस्तानी सेना की कैद में मौजूद जाधव का कथित इनकार भी दबाव में कराया गया फैसला है. इतना ही नहीं भारत ने कहा कि उसके पास जाधव को बचाने के लिए सभी यथोचित विकल्प विचाराधीन हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से किया गया यह दावा कि कुलभूषण जाधव ने मृत्युदंड के फैसले पर समीक्षा याचिका दाखिल करने से इनकार किया, बीते चार सालों ले चल रहे फरेब की ही कड़ी है. यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अदालत की तरफ से दिए गए फैसले में जाधव को मिले अधिकारों का उन्हें इस्तेमाल नहीं करने देना चाहता.
इससे पहले पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि कुलभूषण जाधव को अपनी सजा के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल करने के लिए कहा गया था. लेकिन 17 जून को उन्होंने इससे इनकार कर दिया और अपनी लंबित दया याचिका पर फैसले के लिए इंतजार को ही मुनासिब बताया.
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