Congress Cut Expenses: चंदे की कमी से जूझ रही कांग्रेस पार्टी ने अपने पदाधिकारियों को खर्चों में कटौती की सलाह दी है. बुधवार (28 दिसंबर) को कांग्रेस स्थापना दिवस के दिन पार्टी कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों को एक सर्कुलर जारी कर मितव्ययिता यानी खर्चे कम करने सुझाव दिए. बंसल की तरफ से जारी सर्कुलर में पार्टी दफ्तर में कैंटीन यानी चाय–पानी, स्टेशनरी, बिजली, अखबार, ईंधन आदि के खर्चों में कटौती करने के निर्देश दिए गए हैं. महासचिवों और प्रभारी जो सांसद हैं उन्हें अपनी सुविधा से हवाई यात्रा करने की सलाह दी गई है.
नियम के मुताबिक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिवों को 1400 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए ट्रेन टिकट का भुगतान किया जाएगा. उससे लंबी यात्रा के लिए सबसे कम कीमत वाली हवाई टिकट दी जाएगी, वो भी महीने में केवल दो बार! निर्देश के साथ ही बंसल ने खर्चों में और कटौती को लेकर महासचिवों से सुझाव भी मांगे हैं.
पहले भी आ चुका है ऐसा निर्देश
नेता कांग्रेस आलोक शर्मा ने कहा है कि "फंड कम हो या ज्यादा खर्चे कम तो होने ही चाहिए. वैसे बीजेपी ने चंदे के मामले में अन्य सभी दलों पर नकेल कसी हुई है" कांग्रेस कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने एबीपी न्यूज से कहा कि खर्चों को नियंत्रण में रखने के लिए समय–समय पर इस तरह के दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं. आपको बता दें कि चार साल पहले भी ऐसा निर्देश जारी हुआ था, जब अहमद पटेल कांग्रेस के कोषाध्यक्ष बने थे. सूत्रों के मुताबिक फंड की लगातार कमी के कारण कांग्रेस खर्चों में कटौती को लेकर फिर से गंभीर हुई है.
पैसों की कमी झेल रही है कांग्रेस
2014 में केंद्र की सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही कांग्रेस का चंदे का संकट शुरू हो गया. सत्ता जाने के बाद भी सबसे पुरानी पार्टी के खर्चे जस के तस रहे. पैसों की कमी के कारण कांग्रेस के नए मुख्यालय का काम कई सालों से अटका हुआ है. फिलहाल तीन राज्यों में पार्टी के मुख्यमंत्री हैं, उनमें से दो राज्यों समेत कुल नौ राज्यों में अगले साल विधानसभा के चुनाव हैं. इन दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी पार्टी का काफी पैसा खर्च हो रहा है. अगले साल जनवरी में यात्रा का पहला चरण पूरा होने के बाद पश्चिम भारत से पूर्वोत्तर तक के दूसरा चरण शुरू हो सकता है. फरवरी में रायपुर में कांग्रेस का अधिवेशन होना है. कुल मिलाकर नए साल में होने वाले खर्चों के मद्देनजर ही कांग्रेस कोषाध्यक्ष को कटौती का निर्देश नए सिरे से जारी करना पड़ा है.
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