'जिन चीनी ऐप को बैन किया, उनमें से कई के साथ BJP के रिश्ते', अमित शाह ने RGF को लेकर किया वार तो कांग्रेस ने किया पलटवार
Congress On BJP: भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष पर अमित शाह ने कहा था कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से पैसे लिए थे. इस बयान को लेकर कांग्रेस ने अमित शाह पर पलटवार किया है.
Congress On BJP: कांग्रेस ने ‘राजीव गांधी फाउंडेशन’ (RGF) के संदर्भ में गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर मंगलवार (13 दिसंबर) को उन पर पलटवार करते हुए दावा किया कि जिन चीनी ऐप्स को सरकार ने प्रतिबंधित किया था, उनमें से कई के साथ बीजेपी के गहरे रिश्ते रहे हैं. पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने यह दावा भी किया कि बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से लोकतंत्र के बारे में शिक्षा हासिल की थी. उन्होंने यह भी कहा कि आरजीएफ (RGF) के खाते का लेखा-जोखा दर्ज है तथा छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है.
खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं याद दिलाना चाहता हूं कि इस सरकार ने जिन ऐप्स को प्रतिबंधित किया था, उनमें से कई के साथ बीजेपी के गहरे रिश्ते हैं. यूसी वेब (UC Web) के साथ बीजेपी ने साझेदारी की. शेयर-इट (Share it) के साथ साझेदारी की है.’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘जिस चीनी कंपनी को विश्व बैंक ने प्रतिबंधित कर दिया, मोदी सरकार ने उसी कंपनी को जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर का ठेका दे दिया. स्मार्ट मीटर का ठेका देने का मतलब है कि आपने जम्मू-कश्मीर के तमाम नागरिकों का डेटा चीन के हवाले कर दिया है. ऐसा क्यों?’’
खेड़े ने बीजेपी के लोग शिक्षित होने चीन जाते हैं
खेड़ा ने कहा, ‘‘आरएसएस (RSS) कहता है कि वह सांस्कृतिक संगठन है. उसे बताना चाहिए कि उसके चीन के साथ क्या रिश्ते हैं. बीजेपी के लोग चीन से शिक्षित होने जाते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के एक मंत्री के पुत्र की मौजूदगी वाले फाउंडेशन को चीन से पैसे मिले. ‘इंडिया फाउंडेशन’ और ‘विवेकानंद फाउंडेशन’ के साथ चीन के क्या रिश्ते हैं, इस बारे में गृह मंत्री को बताना चाहिए.’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पीएम केयर फंड के आंकड़े साझा करिये, तो पता चले कि किन चीनी कंपनियों ने अनुदान दिया.’’
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए (विदेशी चंदा नियमन कानून) पंजीकरण को रद्द करने संबंधी प्रश्नों से बचने के लिए संसद में सीमा मुद्दे को उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास से एक करोड़ 35 लाख रुपये का चंदा मिला था, जो एफसीआरए कानून और उसकी मर्यादाओं के अनुरूप नहीं था, इसलिए इसका पंजीकरण रद्द कर दिया गया.
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