नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार को कुछ खबरों का हवाला देते हुए कहा कि संसद के आगामी सत्र में सरकार को पूर्ण बजट पेश नहीं करना चाहिए. साथ ही कहा कि अगर वह ‘संसदीय परंपराओं का उल्लंघन करते हुए’ ऐसा करती है तो इसका संसद से लेकर सड़क तक पुरजोर विरोध किया जाएगा. पार्टी ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार 2014 मिले जनादेश के अनुसार पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी है और अब वह सिर्फ लेखानुदान पेश कर सकती है.


कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘ऐसी खबरें आ रही हैं कि बीजेपी नीत NDA सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी. अगर ऐसा होता है तो यह सभी संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं का उल्लंघन होगा. यह 70 साल की परंपरा और संसदीय प्रणाली के साथ खिलवाड़ होगा.’’


मनीष तिवारी ने आगे कहा, ‘‘NDA सरकार के पास यह जनादेश और यह वैधानिकता नहीं है कि वह छह पूर्ण बजट पेश करे. वह पहले ही पांच पूर्ण बजट पेश कर चुके हैं. वित्त वर्ष 2019-2020 इस साल एक अप्रैल से आरंभ होगा और इस सरकार का कार्यकाल मई, 2019 में खत्म हो रहा है. ऐसे में यह सरकार अगले वित्त वर्ष का बजट पेश कैसे कर सकती ?’’


तिवारी ने कहा, ‘‘यह तय प्रक्रिया रही है कि बजट पेश होता है तो संबंधित मंत्रालयों की स्थायी समितियां मंत्रालयों के बजट को देखती हैं और फिर संसद को अपनी रिपोर्ट देती हैं. इसके बाद इसका अनुमोदन किया जाता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस मांग करती है कि सरकार संवैधानिक मर्यादा का पालन करे और सिर्फ लेखानुदान पेश करे. अगर वह नहीं मानती है तो संसद के भीतर और बाहर इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.’’