कांग्रेस ने मजदूरों के हालात को बताया 'सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी', कहा- असंवेदनशील है सरकार
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि देश में अब तक 42 मजदूरों की मौत का जिम्मेदार कौन है? कांग्रेस ने साथ ही बीजेपी पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप भी लगाया.
कांग्रेस ने कोरोना वायरस संकट के दौरान प्रवासी मजदूरों की हिफाजत करने का सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि इन लोगों के साथ ‘जो कुछ हो रहा है, वह हमारे समय की शायद सबसे बड़ी मानव त्रासदी है.’
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार 10 मई को कहा कि प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा को देखते हुए सरकार को उन्हें बचाना चाहिए क्योंकि उन लोगों के पास घर पहुंचने के लिये सैकड़ों किमी पैदल चलने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
मजदूरों की मौत चिंतित करने वाली उन्होंने कहा “कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लागू लॉकडाउन के करीब 50 दिनों में हम बगैर जूते चप्पल पहने और बगैर भोजन के अपने घरों के लिये पैदल चलते लोगों की तस्वीरें देख रहे हैं.’’
औरंगाबाद में मालगाड़ी से कटकर श्रमिकों की मौत का जिक्र करते हुए श्रीनेत ने कहा, “गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, ट्रक पर सवार लोगों, घर (अपने राज्य) लौटने के दौरान पटरियों पर (महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में) मालगाड़ी की चपेट में आने से प्रवासी मजदूरों की मौत होने का दृश्य बहुत चिंतित करने वाला है.” कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारे प्रवासी मजदूरों के साथ जो कुछ हो रहा है, वह शायद हमारे समय की सबसे बड़ी मानव त्रासदी है.’’
मौत का जिम्मेदार कौन? उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रवासी मजदूर कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं क्योंकि उन्हें लॉकडाउन के लिये सिर्फ चार घंटे का वक्त दिया गया. कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को ‘‘जहां हैं, उन्हें वहीं’’ रहने के लिये मजबूर किया जा रहा है, जबकि उनकी नौकरी चली गई है और उनके पास भोजन के लिये पैसे नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘देश के विभिन्न हिस्सों में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं, लेकिन उन्हें उनके घर पहुंचाने के लिये या उनकी हिफाजत के लिये कोई कदम नहीं उठाये गये. यहां तक कि आज भी हम यह देख रहे हैं कि उनमें से कई लोग पैदल ही घर लौट रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी आंखों के ठीक सामने सबसे बड़ी मानव त्रासदी को देख कर हम भारतीय ठीक कैसे रह सकते हैं? आठ मई तक करीब 42 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई, इसके लिये कौन जिम्मेदार है.’’
सबसे असंवेदशील है ये सरकारकांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि संकट के समय में यह सर्वाधिक ‘‘असंवेदनशील सरकार’’ है, जिसने बेरोजगार प्रवासी मजदूरों से ट्रेन टिकट का किराया वसूलने का फैसला किया. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने तुच्छ राजनीति करना जारी रखा है और रेल मंत्रालय तथा केंद्र सरकार ने कांग्रेस द्वारा पेशकश की गई मदद को रोकने की कोशिश की.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से प्रवासी मजदूरों के लिये शीघ्र राहत उपाय करने की घोषणा करने का अनुरोध करते हैं.’’ सरकार के कदमों पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सरकार प्रवासी मजदूरों के लिये कुछ क्यों नहीं कर रही है.’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों के लिये धन का उपयोग करने के बजाय पीएम-केयर्स फंड को अलग-थलग क्यों रख दिया गया है? इसमें अब तक कितनी राशि एकत्र हुई है और इसका उपयोग कब किया जाएगा? प्रवासी मजदूरों की दशा को देखते हुए इस संवेदनहीन सरकार के जाग जाने और उन लोगों की रक्षा करने के लिये निर्णायक कार्य करने का यह वक्त है.’’
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