नयी दिल्ली: कांग्रेस ने टीकाकरण से जुड़ी केंद्र सरकार की नयी नीति को लेकर मंगलवार को उस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार ने 45 साल से कम आयु के लोगों के टीकाकरण से पल्ला झाड़ लिया है. मुख्य विपक्षी पार्टी ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि पूरे देश में टीकों की एक समान कीमत तय होनी चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, ''यह सरकार एक राष्ट्र, एक कर और एक राष्ट्र, एक चुनाव में विश्वास करती है, लेकिन (टीकों की) 'एक राष्ट्र, एक कीमत' में विश्वास नहीं रखती है.''
उन्होंने यह भी दावा भी किया कि नयी नीति से केंद्र और राज्यों के अस्पतालों तथा निजी अस्पतालों में कोविड के टीकों की कई कीमतें होंगी. रमेश कहा, ''हम टीकों को लेकर 'एक राष्ट्र, एक कीमत' क्यों नहीं कर सकते? मुझे लगता है कि यह वाजिब मांग है.''
चिदंबरम का दावा
पी चिदंबरम ने दावा किया, ''हम नीति को लेकर सकारात्मक बदलावों का स्वागत करते है, लेकिन यह संशोधित नीति भी प्रतिगामी और अनुचित है.'' चिदंबरम के मुताबिक, संशोधित नीति के तहत राज्यों को जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी और 45 साल से कम के गरीबों को भी खर्च का वहन करना होगा.
उन्होंने कहा कि राज्यों के पास सीमित संसाधन है और वे पहले से ही जीएसटी का राजस्व घटने, कम कर संग्रह होने और केंद्र से मदद कम मिलने के कारण परेशान हैं, ऐसे में टीकाकरण की इस नयी नीति से उन पर अतिरिक्त भार पड़ेगा.
अजय माकन का आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने आरोप लगाया, ''भारत सरकार जो नयी टीका नीति लेकर आई है, यह निर्मम और निष्ठुर मोदी सरकार का जीता जागता उदाहरण है.''
उन्होंने दावा किया, ''45 वर्ष से कम आयु वर्ग को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. सरकार ने अपना पल्ला झाड़ कर लोगों को निजी अस्पतालों या राज्य सरकारों के रहमोकरम पर छोड़ दिया है.''
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीका लगवा सकेंगे.
सरकार ने टीकाकरण अभियान में ढील देते हुए राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दे दी.
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