नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन पर सियासी बबाल मच गया है. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक 10 केंद्रीय एजेंसियों को सरकार ने कंप्यूटर पर निगरानी रखने का अधिकार दे दिया है. सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और एआईएमआईएम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि अगर कोई आपके कंप्यूटर को मॉनिटर कर रहा है तो हम ऑरवेलियन स्टेट की तरफ जा रहे हैं.
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद कांग्रेस के नेता और राज्यसभा सासंद अहमद पटेल ने कहा कि सरकार की ओर से जारी यह कदम 'चिंताजनक' है. सरकार के इस कदम से लोगों के डाटा के दुरुपयोग होने की संभावना बढ़ जाएगी.
विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर बोला हल्ला
गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन को लेकर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, आप नेता संजय सिंह, आरजेडी नेता मनोज झा और टीएमसी नेता सुखेन्दू रॉय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार भारत को सर्विलांस स्टेट बनाना चाहती है.
ममता ने बोला सरकार पर हमला
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के बाद टीएमसी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा, ''कानून के मुताबिक जासूसी खतरनाक है.''
केजरीवाल ने बताया अघोषित आपातकाल
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन को लेकर केजरीवाल ने कहा, ''भारत में 2014 से ही अघोषित आपातकाल लगा हुआ है. क्या मौलिक अधिकारों का हनन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में बर्दाश्त की जाएगी.''
येचुरी ने बताया असंवैधानिक
येचुरी ने इस नोटिफिकेशन को असंवैधानिक बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा ''प्रत्येक भारतीय के साथ अपराधी की तरह व्यवहार क्यों किया जा रहा है? यह आदेश असंवैधानिक है. यह सरकार द्वारा पारित किया गया है जो प्रत्येक भारतीय पर निगरानी रखना चाहती है.''
ओवैसी ने बोला हमला
वहीं एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसे पता था कि घर घर मोदी का मतलब क्या था. बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव के समय 'हर-हर मोदी, घर-घर मोदी' जैसे नारे काफी प्रचलित हुए थे. ओवैसी ने कहा, ''मोदी ने सरकारी आदेश के जरिए हमारे राष्ट्रीय एजेंसियों को हमारे कम्यूनिकेशन की जासूसी करने के लिए कहा है.''
किस-किस एजेसिंयों को मिला है जांच का अधिकार
गृह सचिव राजीव गोबा के हस्ताक्षर वाले इस नोटिफेकेशन को गुरुवार को जारी किया गया है. गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, देश की 10 सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकता है.
10 एजेंसियों में आसूचना ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, राजस्व आसूचना निदेशालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण, मंत्रिमंडल सचिवालय (रॉ), सिग्नल एंटेलिजेंस निदेशालय (केवल जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम सेवा क्षेत्रों के लिए), दिल्ली पुलिस आयुक्त शामिल है.
क्या होता है ऑरवेलियन स्टेट
दरअसल, जॉर्ज ऑरवेल ने एक किताब लिखी थी जिसका शीर्षक था- 1984. इसमें समय से आगे एक समय की कल्पना की गई है, जिसमें राज सत्ता लोगों को आजादी देने के पक्ष में नहीं है. जिसकी वजह से वह नागरिकों पर नजर रखती है.