नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की घोषणा होने में तो क़रीब सात महीने बाकी हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के बीच राजनैतिक माहौल अभी से गर्माने लगा है. एक दूसरे पर वार प्रतिवार का सिलसिला शुरू तो पहले ही हो चुका है, लेकिन दिन प्रतिदिन ये और तीखा होता जा रहा है. इसमें भाषा की मर्यादा भी कभी-कभी लांघ दी जा रही है. कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि बोलना उनके डीएनए में है, नहीं बोलेंगे तो उनकी तबियत खराब हो जाएगी.

'बोलना पीएम के डीएनए का हिस्सा'

आज कांग्रेस ने पीएम मोदी पर वादाखिलाफी करने और जनता को धोखा देने का आरोप लगाया है. लखनऊ में मोदी के भाषण पर पार्टी की ओर से जवाब देने उतरे वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पीएम पर ये भी आरोप लगाया कि वो माहौल के मुताबिक हर जगह बात करते हैं और अपनी ही बात के विपरीत बात कर जाते हैं. शर्मा के मुताबिक, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पीएम बहुत ज़्यादा बोलते हैं लेकिन उनके ज़्यादा बोलने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि बोलना पीएम के डीएनए का हिस्सा है.

शर्मा ने कहा," उनके बोलने पर किसी को आपत्ति नहीं है, वो क्या कहते हैं उस पर आपत्ति है. बोलना उनका स्वभाव है, उनके डीएनए का एक हिस्सा है. हम प्रधानमंत्री जी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं. अगर वो ना बोलें तो शायद उनका स्वास्थ्य खराब हो जाएगा."

'पीएम ग़रीबी का नाटक बन्द करें'

आनंद शर्मा ने इस बात पर आपत्ति जताई कि पीएम हर जगह जाकर अपनी ग़रीबी की बात करते हैं. शर्मा ने कहा कि पीएम तो विदेश जाकर अपनी गरीबी पर रो चुके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम ग़रीबी का नाटक कर रहे हैं. शर्मा ने कहा, " प्रधानमंत्री ये गरीबी का नाटक बंद करें. गरीबों का मजाक उड़ाना बंद करें, गरीबों की भावनाओं से खिलवाड़ करना बंद कर दें. अब चार साल के बाद वही रोना नहीं चलेगा, चार साल के बाद हिसाब देना होगा. गरीबों को बताना पड़ेगा कि मैंने आपके लिए क्या किया."

बिहार चुनाव में खूब चला था डीएनए का मुद्दा

गौरतलब है कि पीएम मोदी के बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर दिए गए ऐसे ही एक डीएनए वाले बयान पर खूब बवाल मचा था. साल 2015 के विधानसभा चुनाव के ऐन पहले दिए गए उस बयान ने इतना तूल पकड़ा था कि चुनाव के दौरान वो बीजेपी और पीएम के ख़िलाफ़ एक बड़ा मुद्दा बन गया था. तब नीतीश कुमार लालू यादव के आरजेडी के साथ महागठबंधन बना कर एनडीए के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे थे और एनडीए को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था.

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