हालिया विधानसभा चुनावों में हुई करारी हार के बाद कांग्रेस ने समय रहते गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है. मंगलवार को राहुल गांधी ने गुजरात तो सोनिया गांधी ने हिमाचल कांग्रेस के नेताओं के साथ मुलाकात की. इन दोनों राज्यों में कांग्रेस के सामने बीजेपी को सत्ता से हटाने की चुनौती तो है ही लेकिन अब उसके रास्ते में आम आदमी पार्टी का रोड़ा भी है. सोनिया गांधी के सामने हिमाचल कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी की चुनौती का जिक्र किया. दूसरी तरफ मिशन गुजरात के लिए कांग्रेस और प्रशान्त किशोर के साथ आने की चर्चा है.
गुजरात में 27 सालों से सत्ता से बाहर कांग्रेस पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के बावजूद चूक गई. मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद प्रभारी रघु शर्मा का दावा किया कि साल के अंत में होने जा रहे गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 125 सीटें जीतेगी. इसके लिए कांग्रेस ने अभियान तेज कर दिया है. बीते दिनों द्वारका में चिंतन शिविर के बाद अब कांग्रेस 6 अप्रैल से गुजरात से दिल्ली तक एक पदयात्रा निकालने जा रही है. राहुल गांधी अहमदाबाद में इस पदयात्रा को हरी झंडी दिखा सकते हैं. गुजरात चुनाव को लेकर कांग्रेस की चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से भी बात चल रही है. हालांकि इसको लेकर सवाल पूछने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने कुछ भी टिप्पणी करने से बचने की कोशिश की और "नो कमेंट" कह कर चलते बने.
हाल के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक
गुजरात के साथ हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं. हाल में ही यहां हुए विधानसभा और लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को जबरदस्त पटखनी दी थी. उपचुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को देखते हुए माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में वापसी लर लेगी. लेकिन हाल में उत्तराखंड और गोआ के चुनाव परिणाम बताते हैं कि छह इतना आसान नहीं रहने वाला. पंजाब में आम आदमी पार्टी के हाथों मिली करारी हार के बाद कांग्रेस को अब हिमाचल प्रदेश में डर सता रहा है. प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं ने आम आदमी पार्टी का दामन थामना शुरू भी कर दिया है. सोनिया गांधी के घर हुई बैठक में कुछ नेताओं ने आप के खतरे का मुद्दा उठाया.
साल के अंत में होगा गुजरात चुनाव
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में साल के अंत में चुनाव होने हैं. बीजेपी-कांग्रेस के अलावा इन दोनों राज्यों में इस बार आम आदमी पार्टी पूरी ताकत झोंकने वाली है. इस वजह से कांग्रेस की चिंताएं बढ़ी हुई है. हालांकि कांग्रेस नेता सार्वजनिक तौर पर आप को चुनौती नहीं मान रहे. बीजेपी को सत्ता में वापसी से रोकने में कांग्रेस कामयाब होगी या नहीं यह वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल परम्परा से हट कर कांग्रेस आलाकमान ने कई महीनों पहले से इन राज्यों पर अपनी नजरें जमा दी हैं.
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