नई दिल्ली: भारतीय मंत्री को कथित तौर पर रिश्वत देने के खुलासे के कारण चर्चा में आई स्वीडन की अंतरराष्ट्रीय बस निर्माता कंपनी स्कैनिया के भारतीय पार्टनर सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (SVLL) के बैंक डिफॉल्ट के मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है. कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी से नजदीकियों के कारण SVLL पर कार्रवाई नहीं हुई.


कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल किए गए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस गाड़ियां मुहैया कराने वाली गुजरात की ट्रांसपोर्ट कंपनी सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (SVLL) ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र का 836 करोड़ रुपए का कर्जा नहीं चुकाया. इसके बावजूद कंपनी के लोन अकाउंट को एनपीए या विलफुल डिफॉल्टर घोषित नहीं किया गया.


पवन खेड़ा ने कहा कि 2014 में एक तरफ नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनें, तो वहीं दूसरी तरफ SVLL का सालाना टर्नओवर 80% बढ़कर 1500 करोड़ जा पहुंचा. 2014 में ही स्कैनिया ने SVLL के साथ पार्टनरशिप का एलान भी किया. हालांकि SVLL का कर्ज काफी बढ़ गया था. लेकिन कर्ज चुकाने के लिए कहे जाने पर कहा जा रहा था कि कंपनी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी के प्रचार में व्यस्त है.


पवन खेड़ा के मुताबिक 11 जून 2014 को बैंक ऑफ महाराष्ट्र के दक्षिण जिमखाना ब्रांच पुणे के असिस्टेंट जनरल मैनेजर को लिखी चिट्ठी में SVLL के संचालक रूपचंद बैद ने प्रधानमंत्री मोदी से खुद के संबंधों की धौंस दिखाते हुए कहा कि वो प्रधानमंत्री के 3D चुनाव प्रचार के लिए विशेष गाड़ियां तैयार करने में व्यस्त थे. इसके बाद सितंबर महीने में प्रधानमंत्री द्वारा मिले एक बधाई संदेश का जिक्र किया. कांग्रेस का आरोप है कि SVLL के मालिक रूपचंद बैद की प्रधानमंत्री से निकटता के कारण गड़बड़ी करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.


पवन खेड़ा ने कहा कि 2016 में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले की जानकारी तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को दी थी. पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पूरे विवाद पर बयान देना चाहिए.


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