महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस ने बड़े चेहरों को मैदान में उतारा, अगले चार दिनों तक जारी रहेगा केंद्र को घेरने का सिलसिला
कांग्रेस के अंदर असन्तुष्ट वरिष्ठों का गुट 'G23' के नेताओं को भी देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने भेजा जा रहा है. आनंद शर्मा जयपुर, शशि थरूर चेन्नई, मनीष तिवारी अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
नई दिल्ली: महंगाई के मोर्चे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस बड़े नेताओं को मैदान में उतारने जा रही है. अगले चार दिनों तक लगभग सभी प्रदेशों की राजधानी में कांग्रेस के बड़े चेहरे पेट्रोल, डीजल की लगातार बढ़ती कीमत और रसोई गैस से लेकर खाने-पीने की चीजों के दामों में आए उछाल के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
दिल्ली में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे तो लखनऊ में कमलनाथ. वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह शिमला और सुबोधकांत सहाय रायपुर में तो युवा नेता सचिन पायलट देहरादून और दीपेंद्र हुड्डा हैदराबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सोमवार को मुम्बई में प्रेस करेंगे.
गौर करने वाली बात यह भी है कि कांग्रेस के अंदर असन्तुष्ट वरिष्ठों का गुट 'G23' के नेताओं को भी देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने भेजा जा रहा है. आनंद शर्मा जयपुर, शशि थरूर चेन्नई, मनीष तिवारी अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
इसके अलावा अजय माकन भोपाल जाएंगे और सलमान खुर्शीद रांची. पवन खेड़ा चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इस कड़ी में सबसे पहले रविवार को ही राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया.
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और पार्टी के मीडिया विभाग के सह प्रभारी प्रणव झा ने बताया कि हर राजधानी में कांग्रेस के बड़े नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पेट्रोल, डीजल, रसोई, खाने-पीने के समान की कमरतोड़ महंगाई के मुद्दे को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है.
उन्होंने कहा, "सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में दो करोड़ लोगों की नौकरियां चली गई हैं और 20 करोड़ लोगों की आय में दस हजार प्रति माह तक की कमी आई है. ऐसी विपरीत स्थिति में महंगाई 2012 के बाद सबसे उच्चतम स्तर पर है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए हम यूपीए सरकार के समय पेट्रोल, डीजल, एलपीजी की कीमतों और आज के हालात को लेकर आंकड़ों के साथ अपनी बात रखेंगे. हम बीजेपी नेताओं के उस झूठे आरोप का जवाब भी देंगे कि ऑयल बॉन्ड इंटरेस्ट के कारण सरकार तेल के दाम कम नहीं कर पा रही." प्रणव झा ने कहा कि जहां ऑइल बांड इंटरेस्ट 7 हजार हजार करोड़ सालाना है वहीं सरकार की कमाई 4 लाख 53 हजार करोड़ रुपए है.
अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार के बीच देशभर में ज्यादातर राज्यों में पेट्रोल 100 के पार जा चुका है और डीजल 100 रुपए के करीब है. खाने-पीने के जरूरी सामान के दाम भी काफी बढ़ गए हैं. जाहिर है कांग्रेस को बीजेपी सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा हाथ लगा है. बीते दिनों में सोनिया गांधी ने इसको लेकर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी जिसके बाद से कांग्रेस कार्यकर्ता महंगाई के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करते देखे जा रहे हैं. आने वाले संसद सत्र में भी कांग्रेस पार्टी महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है.