Congress Challenge To PM Modi: पीएम मोदी के "मिशन साउथ" पर कांग्रेस का तंज, दक्षिण की किसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की दी चुनौती
PM Modi South Mission: भारतीय जनता पार्टी देश के दक्षिणी राज्यों में अपने पैठ बनाने की कोशिश में लगी है. मिशन साउथ को कांग्रेस ने चुनौती दी है और कहा है कि पीएम मोदी इधर से चुनाव लड़ें.
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BJP Mission South: विपक्षी पार्टियां एक तरफ पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ राष्ट्रीय मोर्चेबंदी में जुटी हुई हैं तो मोदी की नजर बीजेपी के सियासी विस्तार पर है. माना जा रहा है महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक शिवसेना और जेडीयू जैसे पुराने सहयोगियों के कांग्रेस के कैंप में जाने से संभावित नुकसान की भरपाई बीजेपी दक्षिण के राज्यों से करना चाहती है.
दक्षिण के राज्यों में पीएम मोदी के दौरों की संख्या बढ़ गई है लेकिन कांग्रेस बीजेपी के मिशन साउथ की ज्यादा परवाह नहीं कर रही. उल्टे कांग्रेस नेता पीएम मोदी को दक्षिण की किसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दे रहे हैं. कांग्रेस नेता उदित राज ने पीएम मोदी को दक्षिण भारत से लोकसभा चुनाव लड़ने की चुनौती दी है.
क्या बोली कांग्रेस?
उदित राज के मुताबिक बीजेपी और आरएसएस सालों से दक्षिण भारत में पैर जमाने की कोशिश कर रही हैं लेकिन वहां हिंदू–मुस्लिम की राजनीति नहीं चलती, पाखंडवाद नहीं चल सकता. केरल में पीएम ईसाई समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन देश भर में ईसाइयों को मारा जाता है.
उन्होंने कहा कि कर्नाटक भी बीजेपी के हाथों से जाने वाला है. ऐसे में यदि पीएम को लगता है कि उनका डंका बज रहा है तो दक्षिण से लड़ना चाहिए. उदित राज के अलावा, तमिलनाडु से कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी पीएम मोदी को दक्षिण से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि हिम्मत हो तो मोदी जी आएं और साउथ से लड़ें. उन्हें एक सीट भी नहीं मिलेगी.
साउथ में बीजेपी की हालत
बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने देश भर में तीन सौ से ज्यादा सीटें जीत कर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन दक्षिण की पांच राज्यों की 129 लोकसभा सीट में से केवल 29 सीट ही जीत पाई थी. इनमें से 25 सीट कर्नाटक और चार तेलंगाना में जीती थी, जबकि केरल, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में बीजेपी का खाता नहीं खुला था. वहीं राहुल गांधी के वायनाड सीट से लड़ने का कांग्रेस को केरल में काफी फायदा मिला था और उसने सहयोगियों के साथ 20 में से 19 सीटें जीती थीं.
इन्हीं आंकड़ों के कारण कांग्रेस को लगता है कि मोदी का जलवा दक्षिण भारत में नहीं चलेगा. फिर भी देखना होगा कि मोदी की रणनीति से बीजेपी को कितना लाभ होता है और सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या माहौल बनाने के लिए मोदी बनारस के साथ दक्षिण की किसी लोकसभा से सीट से भी चुनाव लड़ेंगे?
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