नई दिल्ली: कांग्रेस ने सरकार पर विपक्ष के मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष जिन मुद्दों को उठाना चाहता है, उनको लेकर सरकार गंभीर नहीं है और संसद सिर्फ सरकार के काम-काज के लिए नहीं चल सकती है.


कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "हालात अभूतपूर्व है.'' उन्होंने कहा, "कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की ओर से नोटिस दिए गए हैं. मसले राष्ट्रीय महत्व के हैं और इन मुद्दों को बगैर विलंब किए स्वीकार किया जाना चाहिए. विपक्ष अब समझ गया है कि सरकार विपक्ष के मसलों को लेकर न तो ईमानदार है और न ही गंभीर."

कांग्रेस नेता ने कहा, "संसद सिर्फ सरकार के काम-काज के लिए नहीं चल सकती है. विपक्षी दलों के मुद्दों को निकालकर कोई संसद नहीं चल सकती है." शर्मा ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में भय, हिंसा और असहिष्णुता का माहौल है और मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा की गई हिंसा) की घटनाएं हो रही हैं.

उन्होंने आर्थिक दुरावस्था का आरोप लगाते हुए अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की. उन्होंने कहा, "पहली बार विधेयक, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और अल्पकालीन बहस के प्रस्ताव सत्ता पक्ष द्वारा लाए जाए जा रहे हैं."

असम में नागरिकों की राष्ट्रीय पंजी (एनआरसी)के अंतिम मसौदे के प्रकाशन को लेकर राज्यसभा को सोमवार को कई बार स्थगित करना पड़ा. एनआरसी में असम के 40 लाख लोगों को शामिल नहीं किया गया है. तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने भी मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एनआरसी के मसले पर विपक्ष की चिंताओं को लेकर राज्यसभा में बोलना चाहिए और आशंका का समाधान करने के लिए विधेयक लाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि सरकार सदन को चलाने में दिलचस्पी नहीं ले रही है.