नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने आज कहा कि पार्टी अगर सत्ता में आती है तो वह अयोध्या में राम मंदिर बनाने का भरसक प्रयास करेगी. हरीश रावत ने कहा, 'अयोध्या के बारे में मेरा बयान पहले भी आ चुका है कि अगर हमारी पार्टी सत्ता में आती है तो हम राममंदिर बनाने का भरसक प्रयास करेंगे. मेरे इस द्रष्टिकोण को पार्टी का भी माना जाना चाहिए.'


उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस पार्टी ने ही पूर्व में सत्ता में रहने के दौरान दो बार राम मंदिर बनाने के गंभीर प्रयास किये हैं और यह बात वरिष्ठ बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी उनके सामने स्वीकार की थी. रावत ने बीजेपी पर इस मुददे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र को इस संबंध में एक फेसिलिटेटर की भूमिका निभानी चाहिए.


पुलवामा हमले को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना
पुलवामा हमले पर भी उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि वह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही राष्ट्रवादी होने का तमगा दे रही है. उन्होंने कहा, 'ऐसा क्यों है कि केवल प्रधानमंत्री मोदी ही राष्ट्रवादी हो सकते हैं. मुझे इस पर घोर आपत्ति है. भारत का हरेक व्यक्ति राष्ट्रवादी है. मैं भी राष्ट्रवादी हूं और आप भी राष्ट्रवादी हैं.' कांग्रेस नेता ने कहा कि सैनिकों की शहादत पर पूरा भारत एक साथ खडा है.


राज्य के बजट पर बोले रावत
प्रदेश सरकार द्वारा पेश बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रावत ने कहा कि यह निराशाजनक है. उन्होंने कहा, 'बजट में कुछ भी नया नहीं है और अगर कुछ है तो वह कुछ दीनदयाल उपाध्याय, कुछ नरेंद्र मोदी और कुछ पुराने प्रस्ताव हैं.' इस संबंध में उदाहरण देते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इसमें गैर सरकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित करने की उनकी सरकार की योजना को नाम बदल कर शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस योजना के लिये एक रिवाल्विंग फंड भी तैयार किया था और उसमें पांच लाख रुपये रखे थे. इसी योजना का नाम बदलकर सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय योजना कर दिया है.


उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि जिस उददेश्य से यह योजना लायी गयी थी, पिछले चार सालों में कितनी गैर सरकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित किया गया.' रावत ने कहा कि विकास दर बुलेट ट्रेन की तरह तेजी से आगे बढ रही है पर गंभीर विषय यह है कि कृषि विकास दर अपने न्यूनतम स्तर पर है.


उन्होंने यह भी कहा कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिति भी ठीक नहीं है, बेरोजगारी भी चरम पर है और बेरोजगारों की संख्या नौ लाख हो चुकी है.


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