नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार को यूपीए सरकार के दौरान की गई छह आतंकवाद-रोधी सर्जिकल स्ट्राइक की एक सूची जारी की. पार्टी ने दावा किया कि उसने सैन्य अभियानों से राजनीतिक लाभ लेने की कभी कोशिश नहीं की. कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह सूची जारी की. बीजेपी नेता अरुण जेटली ने विपक्षी दल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसकी सर्जिकल स्ट्राइक अदृश्य और अज्ञात थी.


कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने कहा कि यूपीए सरकार ने छह सर्जिकल स्ट्राइक की थी- पुंछ के भट्टल सेक्टर में (19 जून, 2008), केल में शारदा सेक्टर, नीलम नदी घाटी के पार (30 अगस्त-एक सितम्बर, 2011), सावन पात्रा चेकपोस्ट (छह जनवरी, 2013), नाजपीर सेक्टर (27-28 जुलाई, 2013), नीलम घाटी (छह अगस्त, 2013) और एक सर्जिकल स्ट्राइक 23 दिसम्बर, 2013 को की गई थी. उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली अटल बिहारी वाजपेयी की पिछली एनडीए सरकार के तहत की गई दो सर्जिकल की भी सूची जारी की. ये सर्जिकल स्ट्राइक नादला एन्क्लेव, नीलम नदी के पार (21 जनवरी, 2000) और पुंछ में बरोह सेक्टर (18 सितंबर, 2003) हैं.


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि यूपीए सरकार के दौरान कई सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा था कि मनमोहन सिंह सरकार ने 2008 में मुम्बई आतंकवादी हमले के बाद आतंकवादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी.


कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा, ''जब पूर्व प्रधानमंत्री और (एक पूर्व) सेना प्रमुख का कहना है कि पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी तो वित्त मंत्री कहते हैं कि ये अदृश्य हमले थे और वह न केवल वाजपेयी जी और मनमोहन सिंह जी पर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि सेना और उस समय के सेना प्रमुखों द्वारा दिये गये बयानों पर भी आक्षेप लगा रहे हैं.'' शुक्ला ने कहा कि मनमोहन सिंह और वाजपेयी दोनों ने कभी भी स्ट्राइक के बारे में बात नहीं की थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी सैन्य अभियानों से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं किया.


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