कांग्रेस का दावा- सिर्फ 3.22 लाख करोड़ रुपये का है मोदी सरकार का पैकेज, GDP का सिर्फ 1.6 फीसदी
बता दें कि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज की 5वीं किस्त को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. आज उन्होंने मनरेगा, शिक्षा, बिजनेस, कंपनी एक्ट और राज्य सरकारों के रिसोर्स पर घोषणाएं की.
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने हमला बोला है. आनंद शर्मा ने कहा कि पैकेज सिर्फ 3.22 लाख करोड़ रुपये का ही है जो जीडीपी का 1.6 प्रतिशत है. बीस लाख करोड़ का पैकेज नहीं है जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा था. उन्होंने कहा है कि वित्त मंत्री को जवाब देना चाहिए, न कि सवाल करना चाहिए. योजना के अभाव में सड़कों पर चलने को मजबूर हुए प्रवासियों की दुर्दशा पर सरकार को जवाब देना होगा.
आनंद शर्मा ने कहा कि वृद्ध लोगों को, महिलाओं को जो पेंशन दी गई है उस पर हमारा सवाल है कि केवल 21 फीसदी के पास ही एकाउंट है, बढ़िया ये होता कि इसे मनरेगा के साथ जोड़ा जाता. प्रधानमंत्री ने हिम्मत नहीं दिखाई. हमने कहा था कि आपको वित्तीय घाटे की और महंगाई की चिंता नहीं करनी चाहिए थी. सरकार को बॉन्ड्स के माध्यम से पैसा उठाना चाहिए. हमारी मांग रहेगी कि 150 दिन का काम हर मजदूर को मिले और कम से कम 300 रुपये दिए जाएं और जो 20 रुपये बढ़ाने की घोषणा हुई है वो क्रूर मजाक है. इसकी घोषणा तो बजट में हो ही चुकी थी. मनरेगा के बजट में 40 हजार करोड़ की बढोतरी का हम स्वागत करते हैं.
Govt package only worth Rs 3.22 lakh cr and is only 1.6% of GDP; it's not Rs 20 lakh crore as announced by PM: Cong leader Anand Sharma
— Press Trust of India (@PTI_News) May 17, 2020
उन्होंने कहा,'' जब तक गरीबों-मजदूरों के हाथ में सीधे पैसा नहीं जाएगा, हम उसे किसी भी तरह का प्रोत्साहन मानने को तैयार नहीं हैं. पीएम-किसान का पैसा प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा नहीं है, वो चुनाव पहले की घोषणा है. प्रवासी मजदूरों के लिए अभी भी बेहतर व्यवस्था नहीं की गई है. हमें इससे सबक लेना चाहिए. सरकार को देखना चाहिए कि कमी कहां रह गई?.''
आनंद शर्मा ने आगे कहा,'' कई सुधारों की घोषणा की गई है. मगर ये समय चरमराती व्यवस्था और उद्योगों को सही रास्ते पर लाने का है...इस तरह के विवादित सुधारों की घोषणा का नहीं.इन घोषणाओं का गरीब, किसान, मजदूर, MSMEs से कोई ताल्लुक नहीं है. इनको अभी राहत की जरूरत है. ये सब भारत के नागरिक हैं, ये दया के मोहताज नहीं हैं.'' उन्होंने आगे कहा,'' कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी ने लगतार कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखें हैं, उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की है. हम लगातार अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं.''
आज वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त की घोषणा की
बता दें कि आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिये घोषित प्रोत्साहन आर्थिक पैकेज का कुल आकार 20.97 लाख करोड़ रुपये का हो गया है. उन्होंने पैकेज की पांचवीं किस्त की रविवार को घोषणा करते हुए कहा कि कुल प्रोत्साहन पैकेज में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मार्च में घोषित 8.01 लाख करोड़ रुपये के तरलता बढ़ाने (बैंकों के पास कर्ज देने के लिए धन की उपलब्धता) के उपाय भी शामिल हैं. इसके अलावा गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न और रसोई गैस सिलिंडर तथा समाज के कुछ वर्गों को नकदी मदद के रूप में 1.92 लाख करोड़ रुपये का मार्च में सरकार द्वारा घोषित शुरुआती पैकेज भी इस प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है.
पांच किस्तों में प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की शुरुआत 13 मई को हुई. उन्होंने बताया कि इसके तहत पहली किस्त में 5.94 लाख करोड़ रुपये के उपायों की घोषणा की गयी. पहली किस्त में छोटी कंपनियों के लिये ऋण सुविधायें और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी, सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) और बिजली वितरण कंपनियों के लिये मदद के उपाय किये गये.
वित्त मंत्री ने कहा कि दूसरी किस्त में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को दो महीनों तक मुफ्त खाद्यान्न और किसानों को ऋण समेत कुल 3.10 लाख करोड़ रुपये के उपाय किये गये. उन्होंने कहा कि तीसरी किस्त में कुल 1.5 लाख करोड़ रुपये के उपाय किये गये. इनमें कृषि की बुनियादी सुविधाओं पर व्यय तथा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिये किये गये अन्य उपाय शामिल रहे. सीतारमण ने कहा कि चौथी और पांचवीं किस्त में संरचनात्मक सुधारों पर जोर दिया गया। इन दो आखिरी किस्तों में 48,100 करोड़ रुपये के उपाय किये गये.
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