नई दिल्ली: गुजरात चुनाव में विकास के साथ साथ जीएसटी औऱ नोटबंदी का मुद्दा खूब उछाला जा रहा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कह दिया था. एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में वित्त मंत्री जेटली ने राहुल गांधी के गब्बर सिंह टैक्स का जवाब दिया. वित्त मंत्री से ये एक्सक्लुसिव बातचीत एबीपी न्यूज़ के बिजनेस एडिटर शिशिर सिन्हा ने की.
GST अगर गब्बर सिंह टैक्स तो कांग्रेस का राज क्या ?
जेटली ने कहा, ''गुजरात में विकास को कोसने वाली कांग्रेस सुसाइडल मिशन पर है. गुजरात की जनता विकास ही चाहती है. अगर जीएसटी गब्बर सिंह टैक्स है तो कांग्रेस ने देश में 55 साल राज किया है तो क्या फिर इऩ्हें किसी डकैत की उपाधि दी जाए. शायद कांग्रेस और राहुल गांधी को जीएसटी समझ नहीं आया. जीएसटी पर हम आज भी सुधार कर रहे हैं और इसे सरल बना रहे हैं."
कांग्रेस रंग बदलती है, विकास का मजाक उड़ाया
अरुण जेटली ने कहा, ''कांग्रेस अपना रंग बदलती रही है. कांग्रेस को किसी ने सुझाव दे दिया कि गुजरात की जनता चुनाव नहीं चाहती है. आप दुनिया का इतिहास उठा कर देख लो ऐसा मूर्खतापूर्ण अभियान कहीं नहीं हुआ होगा, जहां विकास का विरोध हो और मजाक उड़ाया. इससे बड़ी राजनीतिक आत्महत्या नहीं हो सकती. इसका लंबा असर नहीं होता इससे वो अभियान धीरे धीरे खत्म हो गया.''
1985 का प्रयोग दोहरा रही है कांग्रेस
अरुण जेटली ने कहा, ''गुजरात में अब कांग्रेस को कुछ बाहरी लोगों का साथ मिला है. जब विकास पर बात करने को नहीं होती तब जातीय राजनीति की जाती है. कांग्रेस ने ऐसा प्रयोग 1985 में भी किया था जो फ्लॉप रहा. गुजरात में इसके प्रति घृणा है. इतने समय बाद उसी राह पर ले जाना गुजरात और कांग्रेस दोनों के लिए खतरनाक है.''
गुजरात में सत्ता विरोधी लहर पर क्या बोले जेटली?
वित्त मंत्री ने कहा, ''क्या किसी किताब में लिखा है जहां चुनाव होगा वहां एंटी इंकमबेंसी होगी. जहां विकास हो रहा हो, प्रशासन अच्छा हो, लोग संतुष्ट हों वहां एंटी इंकमबेंसी का सवाल ही नहीं है.''
'जातीय आंदोलन से फायदा नहीं होता'
पास आंदोलन पर जेटली ने कहा, ''जातीय आंदोलन से फायदा नहीं होता, 214 लोकसभा में बीएसपी ने जातीय राजनीति की जीरो सीट आई. सपा मुलायम सिंह यादव के परिवार की पांच सीटों तक सीमित रह गई. आरजेडी दो सीटों पर ही रह गई. गुजरात में तो लोग मानते हैं कि विकास होता है तो उसका लाभ सभी को मिलता है.''
'जिनसे हाथ मिलाया है वो अराजकता के प्रतीक'
कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ हाथ मिलाने पर जेटली ने कहा, "किसी के हाथ मिलाना भर पर्याप्त नहीं है. आप गुजरात में किसी से भी पूछ लीजिए जिनसे हाथ मिलाया है उनमें किसी के पास सरकार चलाने का अनुभव है. इनमें से कोई व्यक्ति अगर सरकार में आ गया तो गुजरात की विकास यात्रा में खलल डालेगा. जिनसे हाथ मिलाया है वो अराजकता के प्रतीक बनते जा रहे हैं. आपने अगर कम सीटें दी तो आपका ऑफिस तोड़ दूंगा. ये अराजकता ही तो है.''
धोखा देना चाहें तो 150% आरक्षण भी दे सकते हैं
आरक्षण पर कांग्रेस से फॉर्मूले पर वित्त मंत्री ने कहा, ''अगर एक दूसरे को मूर्ख बनाना चाहें तो 150% आरक्षण भी दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 50% की सीमा तय की है. कई राज्यों ने इसे तोड़ने की कोशिश की, सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी. कांग्रेस और पाटीदार नेता मिलकर धोखा दे रहे हैं."
राफेल डील के आरोप क्या बोले वित्त मंत्री?
राहुल गांधी गुजरात में जोर शोर से राफेल डील का मुद्दा उठा रहे हैं. इस पर वित्त मंत्री ने कहा, ''ढाई साल पहले डील हुई, कांग्रेस को ये बात अब समझ आ रही है. अप्रैल 2015 में हुई डील की गड़बड़ी काग्रेस को नवंबर 2017 में समझ आई? ये बेबुनियाद विषय है. मैं भी दो बार रक्षा मंत्री रहा हूं, हमारे जवान कहते हैं कि हमें ऐसे फाइटर जेट चाहिए. ये एक गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील है, बीच में कोई नहीं है. कांग्रेस में तो कभी क्वात्रोची या कोई और बिचौलिया होता था. एयरफोर्स प्रमुख ने कहा है कि हमें यही विमान चाहिए.''
जीडीपी पर क्या उम्मीद करें?
जीडीपी में गिरावट को लेकर मोदी सरकार विरोधियों के निशाने पर रही. वित्त मंत्री ने कहा, ''जीएसटी की वजह से कुछ कमी आई लेकिन संगठनात्मक बदलाव की वजह से ऐसा होता है. देश में सबसे बड़े आर्थिक सुधार 1991 में हुए. सबसे ज्यादा जीडीपी में गिरावट 1991 और 1992 में आई. उसके बाद बढ़नी शुरू हुई. दूसरी तिमाही के आंकड़ों में जरूर बढ़ोत्तरी होगी.''
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