पंजाब में कैप्टन अमरिन्दर बनाम नवजोत सिद्धू विवाद को सुलझाने के लिए बनी कांग्रेस की कमेटी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को आज अपनी रिपोर्ट सौंप दी. सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में मुख्य सुझाव ये दिया गया है कि नवजोत सिद्धू की अनदेखी नहीं होनी चाहिए. साथ ही कैप्टन अमरिन्दर सिंह को सभी को साथ लेकर चलना चाहिए. वहीं रिपोर्ट में अहम बात भी कही गई है कि कई विधायकों का सुझाव है कि पंजाब विधानसभा चुनाव कांग्रेस को किसी भी मुख्यमंत्री के चेहरे का बिना लड़ना चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक, 4 पन्नों कि रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब में सरकार और संगठन के बीच समन्वय के लिए कोऔरडिनेशन कमेटियां बननी चाहिए. पंजाब में संगठन में कई ज़रूरी बदलाव किये जाने चाहिए और रिपोर्ट में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बदले जाने की पैरवी भी की गई है. हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा की इस बाबत कांग्रेस आलाकमान क्या फैसला करती है. क्योंकि जहां एक ओर सिद्धू प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं. वहीं कैप्टन अमरिन्दर इसके पुरजोर खिलाफ हैं, और वो किसी अपने को हीं अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं.
रिपोर्ट में गुरू ग्रंथ साहिब के अपमान के मामले में बादलों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की मांग भी सामने रखी गई है. सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू और कुछ विधायकों ने कमेटी के सामने आरोप लगाया था कि बादलों से मिलीभगत की वजह से कैप्टन इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रहे. रिपोर्ट के मुताबिक कई विधायकों की मांग है कि प्रदेश संगठन में खाली पड़े पद जल्दी भरे जाएं और कई विधायकों ने राज्य में उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने की भी पैरवी की है.