नई दिल्ली: बैंकों से 9000 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर लंदन भागे विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तारी और कुछ देर बाद ही जमानत मिल गई. माल्या की गिरफ्तारी के मामले में सरकार और बीजेपी इस बात का क्रेडिट लेने में लग गई तो वहीं जल्द ही माल्या को जमानत मिलने पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया.
माल्या की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी ने कहा कि ये पब्लिक के संसाधनों की हेराफेरी करने वाले आरोपियों के खिलाफ यह मोदी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाता है, तो वहीं इस बात का जवाब देते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह देश के लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश है.
यह भी पढ़ें: लंदन ही क्यों भागते हैं विजय माल्या जैसे लोग, जानेंगे इसकी वजह तो हैरान रह जाएंगे !
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘निश्चित तौर पर भारत में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है. गरीबों और मध्य वर्ग को लूटने वालों को वो लौटाना पड़ेगा जो उन्होंने लूटा है.’’
ये बात मोदी ने अपने एक फॉलोवर के ट्वीट का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने लिखा था कि ‘‘भ्रष्टाचार न सिर्फ मेहनत से कमाए गए हमारे पैसे छीन लेता है बल्कि हमारी गरिमा भी ले लेता है.’’
वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने कहा, ‘‘अब हम तथ्यों का आकलन कर रहे हैं कि हम उसे देश कैसे ला सकते हैं और उसके खिलाफ न्यायिक कार्यवाही कैसे शुरू कर सकते हैं .’’
बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि यह सरकार के अथक प्रयास और कालाधन जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जायेगा .
आपको बता दें कि विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार किया गया था और कुछ घंटे बाद उन्हें जमानत दे दी गईृ. माल्या को जमानत मिलने पर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंदन में शराब कारोबारी विजय माल्या की गिरफ्तारी के मुद्दे पर भारत के लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं.
पार्टी ने मोदी से कहा कि वह माल्या को हिरासत में लेने और उनसे कर्ज वसूल करने की समयसीमा तय करें . पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘अजीब बात है कि उन्हें हिरासत में लिया गया और तुरंत छोड़ भी दिया गया, यह कैसा प्रत्यर्पण है? उन्हें एक घंटे तक हिरासत में रखा जाता है और सम्मान के साथ जमानत दे दी जाती है.’’
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘माल्या को वापस लाने और उससे 9,091 करोड़ रुपए जनता का धन वसूलने में क्या एक दर्जन साल, 15 साल, 30 साल लगेंगे या हमारा जीवन ही बीत जाएगा? भारत के लोगों की आंखों में धूल झोंकने की बजाय यह ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब बीजेपी और मोदी जी को देना होगा.’’