Congress Demands Amit Shah: गोवा के विपक्षी दलों ने शुक्रवार (28 जून) को मांग की कि पुलिस महानिदेशक जसपाल सिंह को उत्तरी गोवा के अस्सागाओ में अनधिकृत रूप से एक मकान को आंशिक तौर पर ढहाने में उनकी संलिप्तता को लेकर बर्खास्त किया जाए. पुलिस महानिदेशक पर अपने पद का दुरूपयोग करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने इस मामले की न्यायिक जांच कराने और जसपाल सिंह को उनके पद से हटाने की मांग की.


आम आदमी पार्टी ने भी इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के पुलिस प्रमुख और राज्य सरकार को निशाना बनाया. अस्सागाओ के एक मंजिले मकान की मालकिन प्रिंसा अगरवाडेकर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी कि पिछले शनिवार को अज्ञात लोगों ने उनके मकान को आंशिक रूप से ढ़हा दिया. उनके पति प्रदीप और बेटे प्रिंस को अगवा कर लिया गया था. पुलिस ने बाद में पणजी से अरशद ख्वाजा (51) को गिरफ्तार किया, जिसने इस संपत्ति का मालिक और बुलडोजर का चालक होने का दावा किया.


मकान ढहाने को लेकर बवाल 


विपक्षी दलों ने शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि जांच के निष्कर्षों में इस मामले में राज्य के डीजीपी जसपाल सिंह की संलिप्तता का आरोप लगाया गया है. इस खबर में दावा किया गया है कि अंजुना थाने के निरीक्षक प्रशील देसाई ने प्रदेश के मुख्य सचिव को सूचित किया कि जब पिछले सप्ताह उन्होंने इस मकान को गिराये जाने से रोका था, तब पुलिस महानिदेशक उनपर चिल्लाये थे.


बीजेपी पर लगाया भ्रस्टाचार का आरोप


मकान को ढहाये जाने से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल की अगुवाई में इस मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू करवायी है. विपक्ष के नेता युरी अलेमाओ ने संवाददाताओं से कहा कि डीजीपी की संलिप्तता ‘‘इस पूरे मामले का बस छोटा सा हिस्सा है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ भाजपा से लेकर डीजीपी तक के संबंधों की जांच की जरूरत है. यह खुला रहस्य है कि भाजपा भू और रियल एस्टेट माफिया को संरक्षण देती है.’’


गृह मंत्री अमित शाह से की अपील


उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री सावंत इस मुद्दे पर मीडिया के प्रश्नों को क्यों टाल रहे हैं. उन्होंने हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज से इस मामले की जांच की मांग की. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित पाटकर ने कहा कि अंजुना पुलिस का खुलासा इस बात से पर्दा हटाता है कि कैसे पुलिस महानिदेशक ने एक अवैध कृत्य में एक बाहरी व्यक्ति को बचाने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया.


उन्होंने कहा, ‘‘ मैं मांग करता हूं कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत अस्सागाओ मकान तोड़फोड़ मामले में डीजीपी की संलिप्तता को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उन्हें तत्काल बर्खास्त करने का आग्रह करें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब सबसे ऊंचे पद पर बैठा व्यक्ति ही अपने अधीनस्थों पर दबाव डालता हो, तो पुलिस विभाग के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से काम करने की उम्मीद हम कैसे कर सकते हैं?’’


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