कांग्रेस ने की RSS पर बैन लगाने की मांग, कहा- 'देश के लोकतंत्र के लिए खतरा'; गिनाए 7 कारण
Congress Demanded Ban on RSS: कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लोकतंत्र और संविधान विरोधी संगठन बताते हुए उस पर बैन लगाने की मांग की है.
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Congress Demanded Ban on RSS: कांग्रेस ने गुरुवार (30 जनवरी,2025) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए इसे देश के लोकतंत्र के लिए खतरा बताया. पार्टी ने अपने आधिकारिक X (ट्विटर) हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा, "RSS ने हमेशा लोकतंत्र और संविधान का अपमान किया है. यह समानता, न्याय और सद्भाव की विरोधी रही है". अब समय आ गया है कि हम RSS की नफरती विचारधारा के खिलाफ मिलकर आवाज उठाएं."
कांग्रेस पार्टी ने RSS पर दलित-पिछड़ों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव करने, राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने और सरकारी संस्थाओं पर नियंत्रण जमाने का आरोप भी लगाया है.
RSS पर बैन लगाने के लिए कांग्रेस के 7 तर्क
1. संविधान विरोधी सोच
RSS भारत के संविधान को विदेशी बताकर मनुस्मृति को श्रेष्ठ मानता है.
2. दलित-पिछड़ों के अधिकारों का विरोध
RSS में अब तक कोई दलित प्रमुख नहीं रहा.
OBC, SC, ST की स्कॉलरशिप में भारी कटौती करवाई गई.
3. शिक्षा बजट कटौती
शिक्षा के बजट में कटौती की गई, जिससे पिछड़े वर्गों को नुकसान हुआ.
4. महिला विरोधी मानसिकता
RSS महिलाओं को केवल पारंपरिक भूमिकाओं तक सीमित रखने की सोच रखता है.
5. राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान
दशकों तक RSS ने तिरंगे को स्वीकार नहीं किया.
6. अल्पसंख्यकों पर हिंसा
मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप.
7. सरकारी संस्थाओं पर नियंत्रण
सरकार, शिक्षा, प्रशासन और संस्कृति में RSS की घुसपैठ बढ़ गई है.
RSS देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है।
— Congress (@INCIndia) January 30, 2025
इतिहास गवाह है कि RSS ने हमेशा ही लोकतंत्र और संविधान का अपमान किया है।
RSS समानता, न्याय और सद्भाव की विरोधी रही है। आज समय आ चुका है कि हम RSS की नफरती विचारधारा के खिलाफ मिलकर आवाज उठाएं। pic.twitter.com/7snGWNQPQ7
बता दें कि RSS को अब तक तीन बार प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, जिनमें से पहला प्रतिबंध महात्मा गांधी की हत्या के बाद, दूसरा आपातकाल के दौरान और तीसरा बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद लगा. तीनों बार संघ पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप लगे,लेकिन हर बार प्रतिबंध हटा दिया गया.
RSS पर तीन बार लग चुका है प्रतिबंध
1. 1948: महात्मा गांधी की हत्या के बाद प्रतिबंध
महात्मा गांधी की हत्या के बाद 4 फरवरी 1948 को सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने जारी एक विज्ञप्ति में कहा था कि "नफरत और हिंसा की ताकतों को जड़ से उखाड़ फेंकना जरूरी है, क्योंकि वे देश की स्वतंत्रता को खतरे में डाल रही हैं और भारत के गौरवशाली नाम को कलंकित कर रही हैं."
बाद में 1949 में प्रतिबंध हटा लिया गया, जब RSS ने संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करने का वादा किया.
2. 1975: आपातकाल के दौरान प्रतिबंध
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लगाया, जिसके दौरान RSS की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई. सरकार का आरोप था कि RSS आपातकाल के खिलाफ अभियान चला रहा था और सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल था. 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद प्रतिबंध हटा दिया गया.
3. 1992: बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद प्रतिबंध
6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने RSS, विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल, जमात-ए-इस्लामी हिंद और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार RSS पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने और हिंसा भड़काने का आरोप लगा रही थी. हालांकि, सरकार केंद्रीय न्यायाधिकरण के सामने प्रतिबंध को सही साबित नहीं कर सकी, और प्रतिबंध हटा लिया गया.
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