नई दिल्ली: कांग्रेस ने लॉकडाउन के दौरान बन्द पड़े काम-धंधे के मद्देनजर दिल्ली की केजरीवाल सरकार से मांग की है कि वो निजी स्कूलों की तीन महीने की फीस माफ कर अभिभावकों को राहत दे. लॉकडाउन के मद्देनजर दिल्ली के निजी स्कूलों की फीस से जुड़े केजरीवाल सरकार के फैसलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने मांग की है कि सरकार तीन महीनों तक बच्चों की फीस माफ करने का आदेश दे. इसके साथ ही स्कूलों पर बोझ ना पड़े इसलिए स्कूल स्टाफ के वेतन के 75 प्रतिशत हिस्से का भुगतान सरकार करे और शेष हिस्सा स्कूल दे.


इसके साथ ही माकन ने सरकार से मांग की है कि इस दौरान स्कूलों से बिजली का फिक्स चार्ज ना लिया जाए. माकन ने केजरीवाल सरकार के उस फैसले को वापस लेने की मांग की है जिसके तहत निजी स्कूलों को एक महीने की फीस लेने की अनुमति दी गई है.


अजय माकन ने कहा कि "लॉक डाउन के दौरान के लोगों की कमाई बन्द हो गई है. वेतन भोगी तबका हो या दुकानदार या दिहाड़ी मजदूर आदि ये अपने बच्चों की फीस कैसे चुकाएंगे? हमारी मांग है कि सरकार स्कूलों से कहे कि फीस नहीं ली जाएगी. सरकार निजी स्कूलों के शिक्षकों को 75 प्रतिशत वेतन दे और बाकी स्कूलों से दिलवाए साथ ही स्कूलों से बिजली के फिक्स चार्ज नहीं लिए जाएं. इससे निजी स्कूलों पर भी बोझ नहीं पड़ेगा और ना ही अभिभावकों पर." कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली में 65 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं. माता-पिता को समझ नहीं आ रहा है कि काम धंधे नहीं चल रहे, नौकरियों के ऊपर सवालिया निशान लगा हुआ है तो स्कूलों की फीस कैसे दी जाएगी! ये बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है.


आपको बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अहम फैसला लिया है कि निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ाएंगे. तीन महीने की फीस एक साथ लेने की बजाय एक-एक महीने की फीस लेंगे. फीस नहीं जमा होने पर किसी भी छात्र कल ऑनलाइन क्लास से हटाया नहीं जाएगा. साथ ही स्कूल बंद रहने के दौरान यातायात शुल्क भी नहीं लिया जाएगा. केजरीवाल सरकार में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ये भी एलान किया कि निजी स्कूलों को शिक्षक और स्टाफ को पूरा वेतन देने होगा. सरकार ये फैसला अभिभावकों के लिए राहत भरा है.


स्कूल एसोसिएशनों ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया है. लेकिन कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि वो स्कूलों को एक महीने की फीस लेने की अनुमति देने वाला फैसला वापस ले.