वन नेशन-वन इलेक्शन: कांग्रेस ने अभी लोकसभा भंग करने को कहा, नीतीश को भी एक साथ चुनाव पर शक
पीएम बनने के बाद से ही मोदी लगातार 'वन नेशन वन इलेक्शन' का मुद्दा उठाते रहे हैं. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.
नई दिल्ली: देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने पर लड़ाई बढ़ती जा रही है. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पद से इस्तीफा दे और लोकसभा भंग करकर दोबारा चुनाव कराए जाएं. वहीं बिहार में एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एक साथ चुनाव कराने पर शक जताया है. वहीं, इस मामले पर चुनाव आयोग ने कहा है कि संसद से प्रस्ताव पास होने के बाद ही एक साथ चुनाव पर विचार किया जा सकता है.
सीएम नीतीश ने क्या कहा है?
नीतीश कुमार ने कहा है, ‘’इस चुनाव में ये मुमकिन नहीं है कि लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. हालांकि वैचारिक रूप से ये सही है. लेकिन तत्काल ये संभव नहीं है.’’
गहलोत ने कहा- मोदी इस्तीफा देंIs election mein yeh possible nahi hai ki Lok Sabha aur sabhi Vidhan Sabha ka chunav ek sath kiya jaaye. Yeh sambhav nahi hai. Vyacharik roop se yeh sahi hai: Bihar CM Nitish Kumar on #OneNationOneElection pic.twitter.com/4SPWHg2PuC
— ANI (@ANI) August 14, 2018
वहीं, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है, ‘’एक साथ चुनाव संविधान संशोधन के सिवा संभव नहीं है. इसके अलावा एक रास्ता है कि मोदी जी इस्तीफा दें और लोकसभा भंग कर चुनाव का ऐलान करें. अगर लोकसभा भंग होती है तो हम लोकसभा और तीन विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने को तैयार हैं.’’
जानें, क्यों लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव करवाना एक बड़ी चुनौती है?
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है, ‘’पांच राज्यों के चुनाव तो वैसे भी एक साथ लोकसभा चुनाव के साथ होते हैं. हमारे पास मशीनें होंगी तो कोई दिक्कत नहीं है. अगर हाउस का कार्यकाल बढ़ाना या कम करना है तो उसके लिए संविधान संशोधन की ज़रूरत पड़ेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘’हमें पूरे देश में एक साथ कराना है तो सालभर का वक़्त चाहिए, अगर कुछ राज्यों की बात है तो उसके लिए हम तैयार हैं.’’
लगातार 'वन नेशन वन इलेक्शन' का मुद्दा उठाते रहे हैं पीएम मोदी#WATCH: Chief Election Commissioner, OP Rawat, says, "simultaneous polls aren't possible without amendments in law. But if polls are to be held in installments, like in 11 states at once, possibilities are there if all respective houses agree to dissolve & conduct polls together" pic.twitter.com/d5JU5oHCuO
— ANI (@ANI) August 14, 2018
बता दें कि पीएम बनने के बाद से ही मोदी लगातार 'वन नेशन वन इलेक्शन' का मुद्दा उठाते रहे हैं. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं. सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच की अवधि को पाटने के लिए इन राज्यों में न्यूट्रल सरकार रखने के लिए गवर्नर रूल यानी राष्ट्रपति शासन भी लागू करने का विकल्प आज़माया जा सकता है. यानी अगर लोकसभा चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव इन चार राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान,छत्तीसगढ़ और मिजोरम में होते हैं तो फरवरी 2019 से लेकर जून 2019 तक राष्ट्रपति शासन लगाकर लोकसभा चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव करवाया जा सकता है.
एक देश, एक चुनाव: विधानसभा चुनाव टालना मुमकिन नहीं, राष्ट्रपति शासन भी मुश्किल विकल्प
देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने की पुरजोर वकालत करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इससे चुनाव पर बेतहाशा खर्च पर लगाम लगाने और देश के संघीय स्वरूप को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. लॉ कमीशन को लिखे पत्र में शाह ने कहा कि एक साथ चुनाव कराना केवल परिकल्पना नहीं है बल्कि एक सिद्धांत है जिसे लागू किया जा सकता है.
बीजेपी ने अपनी दलील में कहा कि लगातार चलते रहने वाली चुनावी प्रक्रिया के कारण विकास कार्य प्रभावित होते हैं. हमारा मत है कि जनप्रतिनिधित्व कानून में ज़रूरी संशोधन हो और 2024 तक इस पर सहमति बनाकर संसद में ज़रूरी कानूनी संशोधन पारित कराया जाना चाहिए.
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