कांग्रेस की मांग- अनंत हेगड़े के बयान पर स्पष्टीकरण दें पीएम मोदी
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मांग की- पीएम मोदी संसद में आएं और इस मामले पर स्पष्टीकरण देंवहीं रणदी सुरजेवाला ने कहा कि कट्टाग्रह पर विश्वास रखने वाले सत्याग्रह को स्वीकर नहीं सकते
नई दिल्ली: कांग्रेस ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में बीजेपी नेता अनंत हेगड़े के कथित बयान को लेकर सोमवार कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली चुनाव में ध्रुवीकरण के जरिए वोट हासिल करने के लिए बीजेपी के कई नेता और मंत्री भड़काऊ बयान दे रहे हैं जो देश की आत्मा पर चोट है.
प्रधानमंत्री संसद में आएं और स्पष्टीकरण दें- आनंद शर्मा
आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘ महात्मा गांधी का और आजादी के आंदोलन का इससे (हेगड़े की टिप्पणी) बढ़कर कोई अपमान नहीं हो सकता. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए. अगर प्रधानमंत्री और सरकार कार्रवाई नहीं करते हैं तो यह साबित हो जाएगा कि इनकी नीयत में खोट है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री संसद में आएं और इस मामले पर स्पष्टीकरण दें.’’
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कांग्रेस नेता ने यह आरोप भी लगाया कि बीजेपी नेताओं के वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता की लड़ाई का विरोध किया था और ऐसे में उनके ये बयान चौंकाने वाले नहीं है. हेगड़े की टिप्पणी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि ‘कट्टाग्रह’ पर विश्वास रखने वाले सत्याग्रह को स्वीकार नहीं कर सकते. सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘ये मोदी जी का ‘भारत’ है जहां बापू के विचार और उनके रास्ते पर रोज हमला होता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी, क्या अनंत हेगड़े पर कार्यवाही होगी? अगर कार्रवाई नहीं होती है तो साबित हो जाएगा कि आवाज हेगड़े की है और विचार मोदी जी का है.’’
अनंत हेगड़े ने क्या कहा था?
इससे पहले पार्टी प्रवक्ता जयवीर गिल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘महात्मा गांधी को अंग्रेजों के चमचों और जासूसों के कैडर से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.’’उन्होंने यह भी दावा किया कि इस समय भाजपा को ‘नाथूराम गोडसे पार्टी’ कहा जाना चाहिए. खबरों के मुताबिक हेगड़े ने बेंगलुरू के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर दावा किया कि आजादी की पूरी लड़ाई अंग्रेजों की सहमति और सहयोग से लड़ी गई थी और महात्मा गांधी के नेतृत्व वाला स्वतंत्रता आंदोलन एक ‘नाटक’ था.