नई दिल्ली: एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक आज लोकसभा में कांग्रेस के वाकआउट के बीच पास हो गया. इससे पहले इस संशोधन विधेयक पर जारी चर्चा में कांग्रेस पार्टी ने देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों को एसपीजी सुरक्षा प्रदान करने की मांग की. कांग्रेस के मनीष तिवारी ने लोकसभा में ‘विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) विधेयक, 2019’ पर चर्चा में भाग लेते हुए आगाह किया कि इतिहास गवाह है कि जब जब ऐसे ‘नकारात्मक’ कदम उठाये गये उसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ा है.


गौरतलब है कि संशोधित एसपीजी एक्ट की धारा 4 में एक प्रस्ताव किया गया है कि एसपीजी प्रधानमंत्री और उनके साथ निवास करने वाले उनके निकट परिवार के सदस्यों और किसी भूतपूर्व प्रधानमंत्री और उनके आवंटित आवास पर निवास कर रहे निकट परिजनों को उस तरीख से, जब वह प्रधानमंत्री नहीं रह जाते हैं, पांच वर्ष तक की अवधि के लिये निकट सुरक्षा प्रदान करेगा.


मनीष तिवारी ने सरकार से मांग की, ‘‘हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों को आजीवन एसपीजी सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए.’’ गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में एसपीजी संशोधन विधेयक चर्चा और पारित करने के लिए रखा. कांग्रेस नेता ने कहा कि विशेष लोगों को उनकी जान पर खतरे के आकलन के आधार पर सुरक्षा दी जाती है लेकिन खुफिया तंत्र द्वारा किया गया यह आकलन वैज्ञानिक रूप से त्रुटिहीन तो नहीं होता.


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मनीष तिवारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एसपीजी सुरक्षा हटाने के फैसले का खामियाजा देश ने उनकी हत्या के बाद भुगता. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस लेना तत्कालीन वीपी सिंह सरकार का ‘राजनीतिक फैसला’ था. कांग्रेस सदस्य ने कहा कि अब्राहम लिंकन, महात्मा गांधी, जेएफ केनेडी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, बेनजीर भुट्टो, बेअंत सिंह, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे कई देश-विदेश के सार्वजनिक जीवन में काम कर रहे लोगों की हत्या की गयी और उनके निर्णयों से प्रभावित लोगों ने इसकी साजिश रची.


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मनीष तिवारी ने प्रतिष्ठित हस्तियों की सुरक्षा पर खतरे के आकलन को ‘चुनिंदा’ तरीके से किये जाने का दावा करते हुए कहा, ‘‘अब सुरक्षा खतरे का आकलन राजनीतिक प्रक्रिया बन चुकी है.’’ उन्होंने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाये जाने के सरकार के फैसले की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री पद से हट जाने के बाद उन्हें, उनके परिवारों को उनके लिए गये निर्णयों की वजह से प्रभावित लोगों से चुनौती खत्म हो जाती है? ऐसा नहीं होता. ’’ मनीष तिवारी ने कहा कि जान लेने की साजिश रचने वाले लोग ऐसे समय की ही प्रतीक्षा करते हैं जब सुरक्षा चुस्त-दुरुस्त नहीं हो.


कांग्रेस नेता ने कहा कि जो तर्क पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एसपीजी सुरक्षा हटाते समय दिया गया था, वही आज भी सरकार दे रही है कि एसपीजी के पास इतनी क्षमता नहीं है. कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि जून 2019 तक गांधी परिवार को एसपीजी की ओर से सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए देश-विदेश में कई जगहों पर नहीं जाने की सलाह दी जाती रही लेकिन नवंबर 2019 तक अचानक क्या हो गया कि एसपीजी सुरक्षा की जरूरत ही खत्म हो गई.


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