बेंगलुरु: कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस ने आज राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधा और यह आरोप लगाते हुए पार्टी सांसद तेजस्वी सूर्या और एक पार्टी विधायक की गिरफ्तारी की मांग की कि वे शहर में कोविड-19 रोगियों के लिए अस्पताल के बिस्तरों को अवरुद्ध करने के घोटाले के पीछे हैं.


दक्षिण बेंगलुरु से बीजेपी सांसद और युवा मोर्चा के अध्यक्ष सूर्या, बोमनहल्ली मे बीजेपी विधायक एम सतीश रेड्डी और बसावनगुड़ी विधायक रवि सुब्रमण्या ने मंगलवार को बेंगलुरु में बिस्तर अवरुद्ध करने के घोटाले के बारे में दावा किया और उन कुछ मुसलमानों की संलिप्तता का संदेह जताया जिन्हें बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के कोविड वार रुम में तैनात किया गया है.


मंगलवार को खुलासा ‘लाइव’ होने और सूर्या द्वारा उनका नाम पढ़ने के बाद सुब्रमण्या ने बीबीएमपी अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘क्या आपने इन लोगों को मदरसे के लिए या निगम (बीबीएमपी) के लिए नियुक्त किया है?’’ इस पर रेड्डी को यह कहते हुए देखा गया कि उन्हें काम पर रखने के पीछे एक इरादा था और ये लोग इसके पीछे हैं.


कांग्रेस ने मीडिया के एक वर्ग में आयी उन खबरों का हवाला देते हुए निशाना साधा जिनमें रेड्डी की संलिप्तता का आरोप लगाया गया है. कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘‘यह उसी तरह से है कि ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे.’ सच्चाई अब सामने आ गई है कि बिस्तर अवरुद्ध करने के मामले के पीछे बीजेपी नेता हैं.’’


पार्टी ने कहा, ‘‘सतीश रेड्डी को गिरफ्तार किया जाए जो अपने समर्थकों की मदद से बिस्तर बुकिंग घोटाले का संचालन कर रहे थे और युवा सांसद (तेजस्वी सूर्या) जो उनके साथ थे तथा एक विस्तृत जांच की जाए.’’ सतीश रेड्डी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.


इस बीच, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी एल संतोष ने सूर्या पर हमला करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की. बीजेपी के वरिष्ठ नेता संतोष ने कहा, ‘‘तेजस्वी सूर्या द्वारा बीबीएमपी के अस्पताल बिस्तर बुकिंग घोटाले का पर्दाफाश करने के बाद, कुछ देर के लिए सभी चुप हो गए थे. अचानक सभी ने चिल्लाना शुरू कर दिया क्योंकि उन्होंने यह महसूस किया कि नाम एक ही समुदाय से थे. उनका धर्मनिरपेक्षता खतरे में था. कर्नाटक कांग्रेस के नेता विचार और क्रिया दोनों से दिवालिया हो गए हैं.’’


इस बीच, इन 17 मुसलमानों को काम पर रखने वाली एजेंसी ने कहा कि वे वार रूम में तैनात 214 लोगों में शामिल हैं. कंपनी के एक कार्यकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा कि लोगों को काम पर रखने के लिए जाति और धर्म पर ध्यान नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे (मुस्लिम कर्मचारियों) कहा है कि जब तक पुलिस जांच चल रही है उन्हें ‘वार रुम’ में नहीं रखा जाएगा, लेकिन हमने उन्हें निकाला भी नहीं है. वे तब तक हमारे कर्मचारी रहेंगे, जब तक कि वे किसी गलत कृत्य में लिप्त नहीं पाये जाते हैं.’’


राज्य में कोविड-19 संक्रमण के मामले और होने वाली मौतों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकार ने आदेश दिया है कि निजी अस्पतालों में भी कोविड-19 रोगियों के लिए 80 प्रतिशत बिस्तर आरक्षित होने चाहिए. हालांकि, बहुत से लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें रिश्वत दिए बिना बिस्तर नहीं मिल रहे और वे अधित कीमत पर दवाएं खरीद रहे हैं.


पुलिस ने कथित बिस्तर घोटाले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है और 90 लोगों को रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. कर्नाटक में कोविड-19 के मामलों में तेजी देखी जा रही है. बुधवार को 50,000 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आये थे और 346 मरीजों की मौत हो गई थी. शहर में लगभग पांच लाख उपचाराधीन मामले हैं.


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