बेंगलुरुः कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार के भाई और बेंगलुरु ग्रामीण से सांसद डीके सुरेश ने मंगलवार को दावा किया कि सीबीआई को उनके आवासों की तलाशी के दौरान मात्र 6.78 लाख रुपये नकद मिले. एजेंसी ने एक दिन पहले कहा था कि उसने तलाशी के दौरान 57 लाख रुपये जब्त किए हैं.


एजेंसी ने सोमवार को दावा किया था कि शिवकुमार और अन्य के परिसरों की तलाशी के दौरान करीब 57 लाख रुपये नकद और संपत्ति के दस्तावेज, बैंक संबंधित जानकारियां और कंप्यूटर हार्ड डिस्क बरामद की गई थीं. सुरेश ने कहा, " मैं यह भी स्पष्ट करना चाहूंगा कि सीबीआई ने मेरे भाई और मेरे परिसरों से कुल 6.78 लाख रुपये की नकदी की गणना की थी. "


मेरे बेंगलुरु के घर से कोई नकद पैसा नहीं मिला- डीके सुरेश


इसके साथ ही उन्होंने ट्विटर पर कहा, " मेरे दिल्ली के आवास से 1.57 लाख रुपये, बेंगलुरु में मेरे भाई के आवास से 1.71 लाख रुपये, उनके बेंगलुरू के गृह दफ्तर से 3.5 लाख रुपये नकद की गणना की थी. मेरे भाई के दिल्ली आवास और मेरे बेंगलुरु के घर से कोई नकद पैसा नहीं मिला. " इसके बाद शिवकुमार ने पत्रकारों से कहा कि अधिकारी उनकी मां के घर से कुछ लेकर नहीं गए जबकि उनके दिल्ली के आवास से कुछ दस्तावेज लिए हैं. वहीं उनके साढ़ू शशि कुमार के घर से भी कुछ कागजात लिए हैं.


डीके सुरेश ने कहा, "मुझे यह भी बताया गया है कि मेरे दोस्त सचिन नारायण के पास से 50 लाख रुपये बरामद हुए हैं जो शराब और होटल कारोबार में हैं." शिवकुमार ने कहा, " वह रविवार होने की वजह से पैसों को बैंक में जमा नहीं करा सके. मैं उनसे बात नहीं कर पाया हूं." उन्होंने कहा कि उनके परिसरों से जो बरामद हुआ है, वह उसका पंचनामा जारी करने को तैयार हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि राजनीति में रहने वाले उन जैसे लोग चीजों को छुपा कर नहीं रख सकते हैं.


मैं उनके लिए जवाबदेह हूं जो मेरे घर में हैं- शिवकुमार


शिवकुमार ने कहा, " यह मेरे पर और मेरे घर पर छापा है. मेरे पर प्राथमिकी हुई है, इसमें उनमें से (दोस्तों और परिवारों में से) किसी का नाम नहीं है. मुझे नहीं पता क्या उनके खिलाफ अलग से मामले दर्ज किए गए हैं." शिवकुमार ने भी 57 लाख रुपये बरामद होने के सीबीआई के दावे का सोमवार को ही खंडन किया था और कहा था, "मैं उनके लिए जवाबदेह हूं जो मेरे घर में हैं."


तलाशी के दौरान अधिकारियों की ओर से उनके निजी सहायक को कथित रूप से पीटने संबंधी सवाल पर शिवकुमार ने कहा कि उन्हें इस बारे में सूचित किया गया है लेकिन वह मामले पर अच्छी तरह से जानकारी हासिल करने के बाद ही टिप्पणी करेंगे.


उन्होंने कहा , "मैं मामले को देख लूं पहले, क्योंकि मेरा पीए रो रहा था. मैं नहीं चाहता कि कुछ अप्रिय हो जैसा पूर्व उपमुख्यमंत्री परमेश्वर के पीए रमेश के साथ हुआ था, जिन्होंने पिछले साल अपने बॉस से संबंधित संपत्तियों पर आयकर के छापे के बाद खुदकुशी कर ली थी." दूसरी तरफ, सुरेश ने उनके और उनके भाई के परिसरों में बिना किसी उत्पीड़न के तलाशी लेने के लिए सीबीआई के पेशेवर आचरण की तारीफ की.


एक सवाल पर शिवकुमार ने कहा कि उन्हें अभी कोई समन नहीं मिला है. शिवकुमार ने सोमवार को सीबीआई द्वारा 14 स्थानों पर की गई तलाशी को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया था और कहा था कि वह उन्हें चुप कराने की " साजिशों या दबावों के" आगे झुकेंगे नहीं.


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