नई दिल्ली: सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन में तल्खी के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के चीन के राजदूत से मुलाकात का मुद्दा गरमा गया है. सोमवार की सुबह कांग्रेस ने राहुल के चीनी राजदूत से मुलाकात का जोरदार खंडन किया, लेकिन छह घंटे बाद ही अपनी पुरानी बात से पलटते हुए कबूल किया है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने चीनी राजदूत से मुलाकात की है. इस मुद्दे पर घिरी कांग्रेस ने अब कहा कि राहुल गांधी और चीन के राजदूत की मुलाकात के मुद्दे को गैर जरूरी ढ़ंग से बढा चढाकर नहीं पेश किया जाना चाहिए.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि राहुल गांधी ने शनिवार को चीन के राजदूत मुलाकात की और इसमें कुछ भी गलत नहीं है. सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष से अक्सर विदेश प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात होती रहती है. इसके साथ ही सुरजेवाला ने कहा कि न सिर्फ चीन बल्कि भूटान राजदूत और भारत के पूर्व एनएसए शिवशंकर मेनन ने भी राहुल गांधी से मुलाकात की.
दरअसल चीनी राजदूतावास ने राहुल गांधी और चीन के राजदूत के बीच मुलाकात की जानकारी अपनी वेबसाइट पर दी थी. लेकिन बाद में इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया. कांग्रेस के लिए मुश्किल ये है कि वो ये बता पाने में नाकाम है कि आखिर जिस मुलाकात की जानकारी चीनी दूतावास ने दी उससे कांग्रेस ने पहले इनकार क्यों किया और दूसरी परेशानी है कि चीनी दूतावास ने किस इशारे पर ट्वीट को डिलीट किया.
बचाव में आई कांग्रेस के एक नेता का तर्क है कि भारत का चीन से अब भी राजनयिक रिश्ता है और कुछ दिन पहले ही भारत के प्रधानमंत्री ने हैमबर्ग में चीनी समकक्ष से मुलाकात की थी. इसलिए अगर कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने चीन के राजदूत से मुलाकात की है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है.