नई दिल्ली: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को लेटर लिखकर सार्वजनिक जगहों पर आरएसएस की शाखा पर बैन लगाने की मांग की है. कांग्रेस विचार विभाग के चेयरपर्सन संपूर्णा नंद ने नोएडा के पार्कों में नमाज पर रोक के बाद इसे मुद्दा बनाया है. समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस के कंधे से कंधा मिलाकर इसका समर्थन कर रही है.


कांग्रेस ने दस साल में क्यों नहीं रोका- समाजवादी पार्टी 


समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा है, ‘’संघ की शाखाओं में बच्चों में एक कम्यूनिटी के ख़िलाफ़ ज़हर भरा जाता है. मैं इन शाखाओं के सख़्त ख़िलाफ़ हूं, लेकिन कांग्रेस ने दस साल में क्यों नहीं रोका?. इन शाखाओं को बंद किया जाना चाहिए. कम से कम खुले में तो नहीं होनी चाहिए.’’ वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा है, ‘’’सरकार ये कैसे तय करेगी किस पर प्रतिबंध लगना चाहिए किस पर नहीं?’’


खुले में आरएसएस की शाखा पर बैन लगाने की कांग्रेस की मांग पर बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस मानसिक रुप से दिवालिया हो गई है. शायद इसीलिए शाखा पर बैन लगाने की मांग कर रही है. राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा है, ‘’कांग्रेस चार पीढ़ी से आरएसएस को रोकने की कोशिश कर रहे है. वह कोशिश करते-करते हाशिया पर आ गई है.’’


आरएसएस पर तीन पर लगा प्रतिबंध


जिस प्रतिबंध का जिक्र बीजेपी के नेता कर रहे हैं, उसके बारे में जानने के लिए इतिहास के पन्नों को पलटना होगा. आरएसएस पर पहला प्रतिबंध 1948 में लगा था, जो सबूतों के अभाव में 1949 में सरदार पटेल ने हटा दिया. वहीं दूसरा प्रतिबंध 1975 में इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी के दौरान जनसंघ के साथ-साथ आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. आरएसएस पर तीसरा प्रतिबंध 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद लगा दिया गया था. हालांकि बाद में प्रतिबंध हटा लिया गया.


संघ पर सियासत कोई नहीं बात नहीं हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी संघ पर नफरत फैलाने का आरोप लगाने रहते हैं. एमपी चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में भी इसका जिक्र किया था. जिसमें कहा था, ‘’सरकारी जगहों में आरएसएस शाखा लगाने पर प्रतिबंध लगेगा. सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त होंगे.’’ एमपी की कमलनाथ सरकार इसकी तैयारी में लगी है.


पार्क में नमाज पर रोक के बाद हुआ विवाद


दरअसल इस पूरे विवाद की जड़ में नोएडा पुलिस का वो फरमान है जिसमें सेक्टर 58 के पार्क में नमाज पर रोक का आदेश दिया गया था. लेकिन नोएडा में नमाज का विवाद अभी भी शांत नहीं हुआ है. नोएडा पुलिस के फरमान के बाद आज पहला शुक्रवार है यानि जुमे के दिन. सेक्टर 58 के पार्क में तो सुरक्षा के कारण नमाज नहीं पढ़ी गई. यहां आए कुछ नमाजियों को पुलिस ने नियम का हवाला देते हुए लौटा दिया. लेकिन नोएडा के सेक्टर 64-65 में बिना मंजूरी लिए पार्क में नमाज पढ़ी गई.


बता दें कि साल 2019 के चुनावों का काउंटडाउन शुरु हो गया है. ऐसे में सार्वजनिक जगहों पर नमाज और शाखा पर बैन की सियासत और तेज होने वाली है. क्योंकि बीजेपी शाखा पर बैन की बात को बड़ा मुद्दा बनाएगी. जबकि कांग्रेस वोट के लिए शाखा पर चोट करने से परहेज नहीं करेगी.


यह भी पढ़ें-

राज्यसभा में फिर अटक सकता है तीन तलाक बिल, विपक्षी नेताओं की 31 दिसंबर को बैठक

द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर ट्रेलर: जब मनमोहन सिंह ने कहा था- इस्तीफा देना चाहता हूं, पढ़ें 6 राजनीतिक हलचल

MP: मंत्री नहीं बनाने से नाराज कांग्रेस विधायक ने दी इस्तीफे की चेतावनी, लगाया वंशवाद का आरोप

STUMPS Day 3, India vs Australia: 5 विकेट गंवाने के बाद भी टीम इंडिया की ऑस्ट्रेलिया पर 346 रनों की बढ़त

वीडियो देखें-